उज्जैन महाकाल मंदिर में बदलेगा भस्मारती दर्शन का नियम,जानिए अब कब से लाइन में लगना होगा
उज्जैन
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान अब सामान्य दर्शनार्थियों को भी वीआईपी सुविधा प्राप्त होगी। आम भक्तों को रात 2 बजे मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर में चेकिंग के बाद सीधे मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। नए समय पर प्रवेश की यह व्यवस्था दीपावली से पहले लागू हो सकती है।
दर्शनार्थियों को इसकी जानकारी देने के लिए परिसर में सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही दर्शन अनुमति पास पर भी नए समय का उल्लेख किया जाएगा। इस दौरान भक्तों को रात में पानी पिलाने के लिए भी कर्मचारी तैनात रहेंगे। शौचालय आदि की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
महाकाल दर्शन: अभी यह व्यवस्था लागू है
वर्तमान में श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन के लिए रात 10 बजे से कतार में लग रहे हैं। महाकाल मंदिर में प्रतिदिन तड़के 4 बजे भगवान महाकाल की भस्म आरती की जाती है। मंदिर समिति द्वारा प्रतिदिन करीब 1700 श्रद्धालुओं को भस्म आरती दर्शन की अनुमति दी जाती है।
वीआईपी भक्त रात 2 बजे सीधे मंदिर पहुंचते हैं तथा चेकिंग के उपरांत सीधे मंदिर में प्रवेश करते हैं। वहीं, सामान्य दर्शनार्थी रात 10 बजे से दर्शन की कतार में खड़े हो जाते हैं। इस व्यवस्था से महिलाएं, बच्चे तथा वृद्ध श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
तीन दिन पहले भस्म आरती व्यवस्था का औचक निरीक्षण करने पहुंचे प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने दर्शनार्थियों की इस परेशानी को देखा तथा व्यवस्था में परिवर्तन का निर्णय लिया। उनके मार्गदर्शन में ही आम लोगों के लिए भी वीआईपी दर्शन की प्लानिंग बनी है।
वीआईपी की तरह आएं सामान्य भक्त
महाकाल के दरबार में आम भक्त भी वीआईपी है। जब प्रोटोकाल के अंतर्गत आने वाले श्रद्धालु रात 3 बजे मंदिर पहुंचते हैं, तो आम भक्त सारी रात क्यों परेशान होता रहे। अब सामान्य दर्शनार्थियों को भी प्रोटोकाल की सुविधा प्राप्त होगी, वे अब रात 10 बजे नहीं बल्कि रात 2 बजे मंदिर पहुंचेंगे। जांच के बाद उन्हें सीधे मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। – गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक
भक्तों तक ऐसे पहुंचाएंगे जानकारी
दर्शन अनुमति पास पर रात 2 बजे प्रवेश का समय अंकित किया जाएगा।
अनुमति के SMS में भी अब नए समय रात 2 बजे प्रवेश का उल्लेख रहेगा।
महाकाल मंदिर परिसर, हरसिद्धि, चारधाम मंदिर क्षेत्र में सूचना बोर्ड लगेंगे।
कंट्रोल रूम से लगातार उद्घोषणा कर भक्तों को नए समय की जानकारी देंगे।
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक बनने के बाद से ही यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है,पहले महाकाल मंदिर में रोजाना 20 से 30 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन अक्टूबर 2022 में महाकाल लोक बनने के बाद यहां आने वाले भक्तों की संख्या में चार गुना तक बढ़ोतरी हो गई है। यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख तक पहुंच गई है।
देश विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालु भगवान महाकाल की तड़के सुबह 4 बजे होने वाली भस्मारती के दर्शन करना चाहते हैं। बता दें कि मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ दो दिन पहले भस्मारती निरीक्षण पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि भस्मारती के दर्शन के इच्छुक सामान्य श्रद्धालुओं को रात 11 बजे से कतार में लगना पड़ता है, इसके बाद 3 से 4 स्थानों पर रोककर उनकी चेकिंग की जाती है, जिससे कि श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उनकी इसी परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासक ने नई व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की है और दीपावली से पहले यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इस दौरान सामान्य श्रद्धालुओं को अब 11 बजे से लाइन में नहीं लगना होगा, बल्कि उन्हें रात 2 बजे महाकाल मंदिर के मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर वाले गेट से लाइन में लगकर दर्शन करने जाना होगा।
फॉर्म लेने के लिए भी रातभर नहीं खड़ा रहना पड़ेगा
महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि मंदिर समिति ने सामान्य श्रद्धालुओं के लिए 300 सीट की फ्री सुविधा दे रखी है। एक दिन पहले पहुंचने वाले श्रद्धालु रात में लाइन में लगकर सुबह फॉर्म लेते थे और फिर उसे भरकर जाते थे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को भी बदला जाएगा, अब श्रद्धालु रात में ही 10 बजे के करीब फॉर्म ले जाएंगे और सुबह 8 बजे के बाद आकर अपनी परमिशन बनवा लेंगे, इससे श्रद्धालु को रात भर लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। वर्तमान में श्रद्धालुओ को रात भर लाइन में खड़े रहकर सुबह 6 बजे फॉर्म दिया जाता था।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना है कि हम इस व्यवस्था को एक-दो दिन में लागू करने जा रहे हैं। भस्म आरती के लिए तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। अब भी आम श्रद्धालुओं को मान सरोवर गेट से तो प्रवेश मिल रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें रात 11 बजे से भारत माता मंदिर के पास लाइन में लगना पड़ रहा है। बच्चे-बुजुर्ग सभी 5 घंटे तक लाइन में लगकर पट खुलने का इंतजार करते हैं।
दिवाली पर गर्भगृह में जलेगी सिर्फ एक फुलझड़ी
होली पर्व पर हुए अग्निकांड हादसे के बाद महाकाल मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि गृभगृह में पूजा के दौरान प्रतीकात्मक रूप में सिर्फ एक फुलझड़ी जलाई जाएगी। इस दौरान महाकाल मंदिर को विशेष लाइटिंग के साथ-साथ फूलों से भी सजाया जाएगा। मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दौरान पंडे, पुजारी सिर्फ एक फुलझड़ी जला सकेंगे। इसके अलावा किसी को भी महाकाल मंदिर परिसर में किसी भी तरह की आतिशबाजी और पटाखे जलाने की इजाजत नहीं होगी।
सुरक्षा कर्मियों को पत्र जारी कर दिए निर्देश
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने इसको लेकर पत्र जारी किया है कि दिवाली वाले दिन सुरक्षाकर्मी इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी भक्त मंदिर में पटाखे लेकर प्रवेश न करे। भक्तों के महाकाल मंदिर में प्रवेश के दौरान चेकिंग की जाए। सांकेतिक रूप से एक फुलझड़ी जलाने की इजाजत दी गई है। कोटि तीर्थ पर दीपक जलाए जाएंगे और पूरे मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा।