Madhya Pradesh

भोपाल रेल मंडल की ओर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास में आरओएच शेड तैयार किया जा रहा

भोपाल
भोपाल रेल मंडल की ओर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास में आरओएच शेड (रुटीन ओवर हालिंग) तैयार किया जा रहा है। इस शेड में वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस किया जा सकेंगे। इसके साथ अन्य ट्रेनों का भी मेंटेनेंस होगा। इसके लिए पिट लाइन भी लगभग तैयार है, जो कि फरवरी तक शुरू की जाएगी। साथ ही वाशिंग पिट से एलएचबी कोच सहित अन्य ट्रेनों के कोचों की धुलाई की जाएगी। इसे बनाने में लगभग ढाई करोड़ की लागत से यह पिट बनाई जा रही है, जिसमें सभी आधुनिक सुविधा मौजूद रहेंगी।

एलएचबी कोच के अनुसार तैयार हो रही पिट लाइन
ट्रेनों का मेंटेनेंस अलग पिट लाइनों पर होगा। अभी रानी कमलापति के पास यार्ड में तीन पिट लाइन हैं। इस पिट लाइन को जर्मन कंपनी लिंक हाफ मैन बुश के तकनीकी सहयोग से तैयार एलएचबी कोच का मेंटेनेंस करने के हिसाब से बनाया जा रहा है। एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की ओवर हालिंग होगा। भोपाल मंडल के एससीएम व प्रवक्ता नवल अग्रवाल ने बताया कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास आरओएच शेड बनाया जा रहा है, जहां वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस किया जा जाएगा। साथ ही अन्य ट्रेनों का भी मेंटेनेंस होगा, जो कि फरवरी तक शुरू की जाएगी।

हाई क्‍वालिटी के वाटर पंप होंगे
मेंटेनेंस रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास बन रही ऑटोमेटिक वाशिंग पिट पर एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की पीरियोडिक ओवर हालिंग (पीओएच) के साथ प्रारंभिक मेंटेनेंस भी हो सकेगा। वहीं ट्रेन की धुलाई के लिए उच्च क्षमता वाले वाटर प्रेशर पंप और स्वचालित ब्रश मशीन रहेगी।

ऑटोमेटिक वाशिंग मशीनों से होगी धुलाई
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के आउटर के पास रेलवे की ओर से यह पिट बनाई जा रही है। फरवरी से ट्रेनों की धुलाई आटोमेटिक वाशिंग मशीनों से होगी।
अभी ऑटोमेटिक वाशिंग पिट लाइन का काम लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यह करीब 680 मीटर लंबी पिट बनाई जा रही है।
इस लाइन पर 24 कोच वाली एक ट्रेन 15 से 20 मिनट में बाहर से धूल जाएगी। अभी यह काम सफाईकर्मी करते हैं। इस तरह एक ट्रेन को चार सफाईकर्मी चार से पांच घंटे में धोते हैं।
सबसे बड़ी बचत पानी की होगी। अभी एक ट्रेन के धुलने में अधिकतम 15 हजार लीटर पानी लग जाता है।
जब यही ट्रेन मशीन से धुलेगी तो तीन से पांच हजार लीटर पानी लगेगा। इस तरह एक ट्रेन की धुलाई में लगभग 10 हजार लीटर पानी बचेगा।