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कोरोना का कहर: परिवार के छठे सदस्य की मौत के बाद शव लेने वाला कोई नहीं…

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

किस्मत की फटी चादर का कोई रफूगर नहीं। रिम्स में धनबाद के कतरास के एक परिवार पर कोरोना का ऐसा कहर बरपा है कि संक्रमित छठे सदस्य की मौत के बाद उसका शव लेने वाला कोई नहीं आ रहा है। करोड़पति परिवार की व्यथा सबकी जुबान पर है। 

कोरोना त्रासदी का यह अपने आप में अलग रूप है। एक-एक कर परिवार के छह सदस्य दुनिया छोड़ चुके हैं। पांचवें भाई की मौत रिम्स में सोमवार को हुई थी। मौत के 24 घंटे से अधिक गुजर जाने के बाद भी कोई शव लेने नहीं पहुंचा है। कतरास में मौजूद परिजनों ने कहा कि सभी होम क्वारंटाइन में हैं। प्रशासन को चाहिए कि शव लाने में मदद करे। 

कुछ दिन पहले एक और भाई की भी मौत रिम्स में हुई थी। उस समय भी परिजन शव लेने नहीं पहुंचे। पांच दिन बाद जिला प्रशासन को अंतिम संस्कार करना पड़ा। गाइड लाइन के अनुसार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार परिजन के समक्ष प्रशासन कराता है।

कतरास के इस व्यावसायी परिवार की दुखद कहानी हर तरफ चर्चा में है। संक्रमित मां के बाद जिन पांच बेटों की मौत हुई है, उनके कतरास समेत धनबाद, राउलकेला, पुरुलिया एवं दिल्ली में बिजनेस हैं। साथ ही इस परिवार के दो व्यक्ति इनकम टैक्स के वकील भी थे। पहले इस परिवार के सदस्य बीसीसीएल में बालू का ट्रांसपोर्टिंग का कार्य करते थे। बाद में सभी अलग-अलग जगह बस गए और अपना अपना बिजनेस वहीं पर शुरू कर दिया। आर्थिक रूप से परिवार समृद्ध है, लेकिन कोरोना का कहर कुछ ऐसा बरपा कि पूरा परिवार खत्म हो गया। 

कतरास में एक भाई का मोबाइल पार्ट्स का होलसेल का बिजनेस है। दूसरे भाई की राउलकेला में स्पंज आयरन की फैक्ट्री है। तीसरे भाई का पुरुलिया में स्क्रैप का कारखाना है। चौथे भाई का कोयला ट्रांसपोर्टिंग का बिजनेस था, इधर कोडरमा में पत्थर क्रशर का काम करने लगा था। पांचवें भाई का धनबाद में रिसोर्ट है। छठे भाई दिल्ली में बिजनेसमैन हैं।

इधर, रानी बाजार के उपरोक्त मकान को भी सील कर रखा गया है। जहां एक ही परिवार के लगभग 14 लोग होम क्वारंटाइन में है। दूसरी ओर इस परिवार के शादी समारोह में शामिल हुए 70 लोगों में से कई की रिपार्ट अब तक नहीं मिली है।

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