अपने परिवार का कर्ज उतारने तमिलनाडु गई युवती ने कर ली आत्महत्या… फैक्ट्री वालों ने शव को गांव भेजने के लिए मांगे थे तीन लाख… पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव पंहुचा गांव…
इम्पेक्ट न्यूज. जशपुरनगर।
भाई की सड़क हादसे में मौत हो जाने और परिवार वालो पर कर्ज बढ़ जाने के बाद अपने परिवार की माली हालत को सुधारने एवं परिवार को कर्जमुक्त करने के लिए तमिलनाडू कमाने गई युवती ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
युवती के आत्महत्या कर लेने से जहां उसका पूरा परिवार सदमे में हैं,वहीं जिस फैक्ट्री में काम करने के लिए गई थी उस फैक्ट्री संचालक के द्वारा युवती के शव को गांव भेजने के लिए परिवार से तीन लाख रुपए की मांग कर दी। शव भेजने के एवज में पैसे की मांग करने पर तपकरा थाना प्रभारी ने इस मामले में हस्ताक्षेप करते हुए युवती के शव को गांव लाने में सहायता की।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार लवाकेरा के वार्ड क्रमांक 16 में रहने वाली लक्ष्मी चौहान के भाई की सड़क दुर्घटना में अकाल मौत हो गई थी। भाई की मौत हो जाने के बाद परिवार कर्ज में डूब चूका था। अपने परिवार को कर्ज में डूबे हुए देखकर लक्ष्मी ने अपने परिवार को कर्जमुक्त करने और परिवार का भरण पोषण करने के उद्देश्य से काम की तालाश शुरु कर दी थी।
बताया जाता है कि विगत 1 मार्च को गाँव की ही एक पहचान की महिला के साथ अगरबत्ती फैक्ट्री में काम करने तमिलनाडु चली गयी थी। तमिलनाडु में उसे काम मिल गया और वहाँ काम करने लगी। इस बीच पूरे देश मे लॉक डाउन हो गया लेकिन उसकी फैक्ट्री में काम बंद नही हुआ। इसलिए वह लॉकडाउन के दौरान भी अपने गांव वापस नही लौटी और फैक्ट्री में मज़दूरी करती रही।
इस बीच लक्ष्मी बराबर अपने घर परिवार के लोगों से फोन पर बात चीत करती रही। बीते गुरुवार को भी लक्ष्मी अपनी भाभी से फोन के माध्यम से लंबी बातचीत की थी। बातचीत के दौरान लक्ष्मी ने अपनी भाभी को बताया था कि सब कुछ ठीक ठाक है और वह अच्छे से है ।
लेकिन अगले ही दिन शुक्रवार की रात को लक्ष्मी की मौत की खबर आ गई। जिस फैक्ट्री में वह काम करती थी वहां से घरवालो को फोन कर बताया गया कि लक्ष्मी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस खबर को सुनते ही परिवार के लोग सदमे में आ गए।
शव भेजने के लिए फैक्ट्री ने मांगे तीन लाख
शुक्रवार की रात को अचानक लक्ष्मी की मौत की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में आ गया था। लक्ष्मी के परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये थी कि लक्ष्मी का अंतिम संस्कार कहाँ और कैसे किया जाएगा। मृतिका जिस फैक्ट्री में काम करती थी उस फक्ट्री वालों ने शव को उसके गाँव भिजवाने को मना कर दिया। फैक्ट्री वाले लॉकडाउन का हवाला देकर शव को जशपुर भेजने में कई दिक्कतें बता रहे थे। लेकिन आखिरी में उन्होंने शव को गांव भेजवाने के एवज में परिजनों से 3 लाख रुपये की मांग कर दी थी ।
तपकरा थाना प्रभारी ने की पहल
लक्ष्मी के शव को गांव भेजने के लिए तीन रुपए की मांग करने की बात सामने आने के बाद तमिलनाडु के सम्बंधित थाने वालों ने तपकरा थाना प्रभारी व्ही एन शर्मा से संपर्क किया और उन्होंने भी शव को जशपुर भिजवाने में आ रही दिक्कतों का हवाला देना शुरु कर दिया। जब 3 लाख की बात दुबारा सामने आई तो थाना प्रभारी व्हीएन शर्मा ने फैक्ट्री संचालक को साफ-साफ कहा कि अगर उनके द्वारा उनके खर्च पर शव नही भिजवाया जाएगा और मृतिका के वेतन सहित मुआवजा नहीं दिया गया तो फैक्ट्री संचालक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
तपकरा पुलिस का दबाव काम आया और फैक्ट्री वाले आखिरकार लक्ष्मी के शव को अपने खर्चे पर भिजवाने को तैयार हो गए। मृतिका लक्ष्मी के भाई चमरू चौहान ने बताया कि सोमवार को उसका शव गाँव लाया जा रहा है । उसने बताया कि तपकरा थाना प्रभारी के प्रयास से उसकी बहन का शव को यहाँ लाया जा रहा है। चमरु चौहान के अनुसार एक भाई की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद मृतिका को परिवार के भरण पोषण और कर्ज का बोझ कम करने की चिंता सताने लगी थी। इसलिए वह उन्हें बिना बताए गाँव की एक महिला के साथ 1 मार्च को तमिलनाडु चली गई थी। ताकि उसके मजदूरी के पैसों से उसके घर वालो का पेट भर सके और कुछ कर्ज का बोझ हल्का हो जाए।
थाना प्रभारी बी एन शर्मा ने बताया कि फैक्ट्री संचालक को मृतिका के कमाए रुपये और असामयिक मौत की मुआवजा राशि देने को कहा गया है ।
तमिलनाडु में युवती के द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए जाने की जानकारी मिलने और फैक्ट्री वालों के द्वारा शव भेजने के नाम पर तीन रुपए की मांग करने की बात सामने आई थी। जिस पर संबंधित थाना एवं फैक्ट्री संचालक से बात कर शव को गांव भेजने के लिए कहा गया था। सोमवार की शाम को मृतिका का शव उसके गांव पंहुच गया।
–व्हीएन शर्मा,थाना प्रभारी तपकरा