मुरैना के गुंडे मोनू रावत को फूलबाग पर गोली लगने के मामले का हुआ खुलासा, खुद ने ही मरी थी गोली
ग्वालियर
मुरैना के गुंडे मोनू रावत को फूलबाग पर गोली लगने के मामले का राजफाश हो गया है। उसने खुद ही कट्टे से अपनी जांघ में गोली मारी थी। वह अपने दुश्मन को फंसाना चाहता था। इसमें उसका साथ तासू शाक्य और विवेक मिश्रा ने दिया। घटना की कहानी का राजफाश होते ही पुलिस ने उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया। अभी मोनू अस्पताल में भर्ती है, गोली पैर में फंसी है। अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। सोमवार को फूलबाग मैदान के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मोनू रावत को गोली लगी थी। मोनू मुरैना के सबलगढ़ का रहने वाला है।
जब उससे पूछताछ की गई तो उसने पुलिस को उलझा दिया था। रात में उसने बयान में कहा कि सबलगढ़ में रहने वाले जगराम शाक्य के बेटे संजय और विजय ने उसे गोली मारी है। पुलिस ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि जगराम एक हत्या के मामले में फरियादी था। इसमें हत्या का आरोप मोनू रावत पर था।
इस मामले में मोनू बरी हो गया था, क्योंकि इसमें गवाह पलट गए थे
पुलिस को मामले में कुछ संदेह नजर आया। इसके बाद पुलिस ने मोनू से अस्पताल में पूछताछ की। उसने बताया कि उसके साथ तासू शाक्य और विवेक मिश्रा थे। पुलिस ने जब इन दोनों को राउंड अप कर पूछताछ की तो इन दोनों ने पूरी हकीकत पुलिस को बता दी। इन्होंने बताया कि मोनू ने खुद ही गोली मारी थी। वह संजय और विजय को फंसाना चाहता था, इसलिए उसने यह वारदात की। इसके बाद पुलिस ने दोनों के गिरफ्तार होने की बात मोनू को बताई तो उसने भी खुद गोली चलाना स्वीकार कर लिया। अब तीनों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
गवाह पलटा तो आरोपित हुआ बरी, उसी गवाह ने आरोपित के साथ मिलकर रचा षड्यंत्र: जिस हत्या के मामले में मोनू बरी हुआ था, उस मामले में तासू शाक्य गवाह था। उसने बयान पलट दिए। इसके चलते आरोपित बरी हो गया। अब उसी गवाह ने आरोपित के साथ मिलकर यह षड्यंत्र रच दिया। मोनू और तासू ग्वालियर जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने आए थे। यहां जमकर शराब पी। इसके बाद विवेक की गाड़ी से निकले। फूलबाग पर यह घटना की।