सर्वदलीय बैठक: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से पूछे सवाल… पूछा कब से चीन का दखल…
इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।
भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार रखे। इस बैठक में एनसीपी से शरद पवार, जेडीयू से नीतीश कुमार, लोजपा से चिराग पासवान के अलावा उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी सहित कुल 17 पार्टियों के नेता शिरकत कर रहे हैं। सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं। डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई जो पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे।
All party meeting with PM over India-China border issues: DMK's MK Stalin said "We are united when it comes to patriotism." He also welcomed the recent statements by the PM on China issue. (Source) pic.twitter.com/eGjlWYUWrM
— ANI (@ANI) June 19, 2020
बैठक में सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी बात रखी। हिंसक झड़प में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद सोनिया गांधी ने कहा, ”मेरे विचार से यह बैठक पहले होनी चाहिए थी, जब चीन ने 5 कोई को लद्दाख और अन्य जगहों पर घुसपैठक की। हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह एकसाथ खड़ा होता और देश की क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को पूरा समर्थन देता। ऐसा नहीं हुआ। अब जब देर से भी यह हुआ तो हम संकट के अहम पहलुओं को लेकर अंधेरे में हैं।’
सोनिया गांधी ने कहा, ”हमारे पास सरकार के लिए कुछ सवाल हैं। किस तारीख को चीन के सैनिकों ने हमारी जमान पर लद्दाख में घुसपैठ की। सरकार को कब इसकी सूचना मिली? 5 मई को या उससे पहले? क्या सरकार को सीमा की लगातार सैटेलाइट पिक्चर्स नहीं मिलती? क्या हमारी बाहरी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने एसएसी पर कुछ असामान्य गतिविधि की जानकारी नहीं दी? क्या मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सरकार को घुसपैठ और बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के आने को लेकर अलर्ट नहीं किया था? क्या सरकार की नजर में इटेंलिजेंस फेल हुआ है?
Delhi: PM Narendra Modi, Union Home Minister Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh, FM Sitharaman, EAM &leaders of different political parties who are present in the all-party meeting via video-conferencing, pay tribute to soldiers who lost their lives in #GalwanValley clash pic.twitter.com/Sw5BNKRYdv
— ANI (@ANI) June 19, 2020
सोनिया गांधी ने आगे कहा, ”कांग्रेस पार्टी मानती है कि महत्वपूर्ण समय 5 मई से 6 जून के बीच चला गया। 6 जून के बाद भी राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर सीधी बातचीत की कोशिश होनी चाहिए थी। हम सभी रास्तों का इस्तेमाल करने में विफल रहे इसका परिणाम हुआ कि 20 जानें गईं और दर्जनों घायल हुए।”
Delhi: All-party virtual meeting called by PM Modi to discuss India-China border situation, underway at 7, Lok Kalyan Marg; 20 parties attend the meeting.
— ANI (@ANI) June 19, 2020
(Pic source: Lok Janshakti Party President Chirag Paswan) pic.twitter.com/OQ8wIWpTH1
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से सभी जानकारी साझा करने की अपील करते हुए पूछा कि सरकार आगे क्या करेगी? आगे क्या रास्ता बचा है? सोनिया गांधी ने कहा, ”पूरा देश भरोसा चाहता है कि सीमा पर यथास्थिति बहाल होगी और चीन एलएसी पर पुराने स्थान पर लौटे। किसी खतरे से निपटने के लिए हम तैयारी के बारे में भी जानना चाहेंगे। मैं यह जानना चाहती हूं कि माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की अभी क्या स्थिति है, जो 2013 में मंजूर हुआ था। क्या सरकार को इस पर सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए।”
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और पूरा विपक्ष सेना के साथ है और वे युद्ध के लिए तैयार रहें इसके लिए कोई भी त्याग करने को तैयार है। पूरा देश और विपक्ष सरकार से उम्मीद करता है कि सरकार हमें विश्वास में लेकर काम करेगी और समय समय पर जानकारी देती रहेगी ताकि हम दुनिया के सामने एक दिखें।
ममता बनर्जी बोली- एकता के साथ चलें, चीन हारेगा और भारत जीतेगा
ममता बनर्जी ने कहा ‘चीन में लोकतंत्र नहीं है। एक तानाशाही राज है वहीं। वे जो महसूस करते हैं, वह कर सकते हैं। दूसरी ओर हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।’
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टी को आमंत्रित किया गया। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत की 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद चीन को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।
पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) को नहीं बुलाए जाने पर AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नाराजगी जताई है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे समय में एकजुट रहते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।
भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में सीपीआई के डी राजा ने कहा कि हमें अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है। साथ ही सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया।
भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा, “सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए। म्यांमार और बांग्लादेश में चीन प्रायोजित गतिविधियां चिंताजनक है। पीएम नॉर्थ ईस्ट इंफ्रा पर काम कर रहे हैं और यह चल रहा है।”
भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं। उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के हालिया बयानों का भी स्वागत किया। उनकी पार्टी ने कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
भारत-चीन विवाद को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को नहीं बुलाए जाने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है। 5 सांसद हैं। लेकिन हमें आमंत्रित नहीं किया गया। राजनाथ सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि आरजेडी को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया।
1967 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत
सोमवार (15 जून) को हुआ संघर्ष नाथू ला में 1967 में हुई उस झड़प के बाद सबसे बड़ा संघर्ष है जिसमें चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे और भारत के लगभग 80 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 1975 में चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सैनिक की मौत हुई थी। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।
5 मई को भारत और चीन की सेना में झड़प
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हुई जब बीते पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद दोनों पक्ष ”अलग” हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।