Madhya Pradesh

सीएम के आदेश के बाद कार्रवाई तेज, रतलाम और उज्जैन में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई से मचा हड़कंप

इंदौर

मध्य प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर अब झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है.

इसी क्रम में मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक क्लीनिक को सील कर दिया गया, जबकि रतलाम में तो लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. इससे फर्जी डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है.

झोलाछाप डॉक्टरों पर एक्शन
रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि जिले में झोला छाप डॉक्टरों के जरिये लगातार लोगों का गलत इलाज कर उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने की शिकायत मिल रही थी. इसी के चलते झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया गया है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. कलेक्टर ने बताया कि जिले के धामनोद ग्राम में अवैध रूप से क्लीनिक संचालित होने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद स्वास्थ्य और जिला प्रशासन के संयुक्त दल को कार्रवाई के लिए भेजा गया.

कलेक्टर राजेश बाथम के मुताबिक, यहां पर श्रवण कुमार नाम का व्यक्ति इलाज कर रहा था. मौके से इंजेक्शन, गोली, दवाई वगैरा जब्त की गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रतिवेदन पुलिस को सौंप दिया गया.

'होम्योपैथी की डिग्री पर एलोपैथिक इलाज'
पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर आगे कार्रवाई की जा रही है. इसी प्रकार रतलाम के अंकुर होटल के पास मनोहर सांवरिया के जरिये अवैध रूप से क्लीनिक संचालित किए जाने की शिकायत मिली थी.

इस मामले में जांच की गई तो पता चला कि संचालक के पास इलेक्ट्रो होम्योपैथी विधा की शैक्षणिक योग्यता थी, मगर उनके जरिये मरीजों का एलोपैथिक इलाज किया जा रहा था. इस मामले में भी पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

उज्जैन के पंडयाखेड़ी में क्लीनिक सील
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिला उज्जैन में भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में है. इसी कड़ी में उज्जैन के मक्सी रोड पर पंडयाखेड़ी में स्थित चावडा क्लीनिक को सील किया गया है.

माधव नगर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विक्रम रघुवंशी ने बताया कि इंद्र सिंह यादव नामक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसके पुत्र की क्लीनिक पर इलाज के बाद मृत्यु हो गई थी.

जब मौके पर जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि क्लिनिक संचालक मोहन चावडा के पास बीईएमएस की डिग्री थी मगर वे डिग्री के विपरीत एलोपैथिक इलाज कर रहे थे.

क्लीनिक को जांच के बाद सील कर दिया गया है. डॉक्टर रघुवंशी के मुताबिक, क्लीनिक संचालक मोहन चावडा अपनी डिग्री के बारे में भी अधिक जानकारी नहीं दे पाए.