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फेल हुआ इजरायल का आयरन डोम ! हिजबुल्लाह के हमले में बच्चों समेत 12 की मौत

तेल अवीव
गोलान हाइट्स पर लेबनान के हिजबुल्लाह की ओर से कई रॉकेट दागे गए हैं, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। सभी की उम्र 10-20 साल है। इजरायल के मुताबिक यह 7 अक्टूबर की लड़ाई शुरू होने के बाद हिजबुल्ला का सबसे बड़ा हमला है। लेबनान से दागे गए रॉकेट गोलान हाइट्स के उत्तरी ड्रूज शहर मजदल शम्स में एक फुटबॉल मैदान पर गिरा था। इजरायल ने कहा कि उसने लेबनान से इजरायली इलाके में गिरने वाले 30 प्रोजेक्टाइल की पहचान की है। इस हमले के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इजरायल अब हमास के साथ-साथ हिजबुल्लाह से भी लड़ेगा।

कुछ इजरायली नेताओं ने जवाबी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि हिजबुल्लाह ने रॉकेट दागने से इनकार किया है। इजरायल और हमास का युद्ध शुरू होने के साथ ही लेबनान के साथ लगती सीमा पर हिजबुल्ला के साथ भी संघर्ष शुरू हो गया था। इजरायली सेना और हिजबुल्लाह पिछले 10 महीने से एक दूसरे पर गोलीबारी कर रहे हैं। इस हमले से पहले भी कहा जाता रहा है कि दोनों का संघर्ष एकदम उबलते बिंदु पर पहुंच रहा है। 12 लोगों की मौत के अलावा हमले में 29 लोग घायल हो गए।

भागने का नहीं मिला समय

प्रत्यक्षदर्शियों ने ग्राउंड में खूनी नरसंहार के दृश्यों का वर्णन किया। हालांकि हमले के दौरान एक वॉर्निंग सायरन बजाया गया था, लेकिन यह पीड़ितों के लिए बेहद छोटा अलर्ट था, जो समय पर भागने में असमर्थ थे। आईडीएफ ने शनिवार देर रात को कहा कि मरने वाले सभी की उम्र 10-20 साल है। इस हमले के बाद एक बड़ी जवाबी कार्रवाई का वादा किया जा रहा है। हमला ऐसे समय पर हुआ जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका से वापस लौटे हैं। छिटपुट संघर्ष की जगह अब हिजबुल्लाह के साथ एक पूर्ण युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

बच्चे खेल रहे थे तब हुआ हमला

लगभग 20 हजार ड्रूज अरब गोलान हाइट्स में रहते हैं। यह वह इलाका है जिसे इजरायल ने 1967 में छह दिन के युद्ध के दौरान सीरिया से जब्त कर लिया था। इंटरनेशनल कानूनों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत इसे कब्जे वाला इलाका माना जाता है। क्षेत्र में लगभग 50000 इजरायली यहूदियों और ड्रूज का घर है। ज्यादातर ड्रूज खुद को सीरियाई मानते हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि जिस समय हमला हुआ तब बच्चे खेल रहे थे। यह 7 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ा हमला है और हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि हमला फलाक 1 ईरानी रॉकेट से किया गया, जिसमें 50 किग्रा का हथियार था। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह ही इस मॉडल का इस्तेमाल करता है।

भारी कीमत चुकानी होगी- बेंजामिन नेतन्याहू
यह हमला इजराइल और लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्ला के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद से इजराइल की उत्तरी सीमा पर किया गया सबसे घातक हमला है, जिससे क्षेत्र में व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा हो गई है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि हिजबुल्ला को ‘इस हमले की ऐसी भारी कीमत चुकानी होगी, जो उसने पहले कभी नहीं चुकाई है।’

इजराइली सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इसे सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल के नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला बताया। हमाम के हमले के बाद गाजा में युद्ध छिड़ गया। इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने ‘चैनल 12’ से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हिजबुल्ला ने इस हमले से सभी हदें पार दी हैं और हमारी प्रतिक्रिया से यह बात समझ आएगी। हम उस पल के करीब पहुंच रहे हैं, जब हमें एक पूर्ण युद्ध का सामना करना पड़ेगा।’

हिजबुल्ला के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद अफीफ ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि समूह ‘‘इस बात से साफ इनकार करता है कि मजदल शम्स पर उसने हमला किया।’’ हिजबुल्ला का हमले से इनकार करना असामान्य बात है। इस हमले से पहले शनिवार को सीमा पार हिंसा हुई थी, जिसमें हिजबुल्ला ने उसके तीन लड़ाकों के मारे जाने की बात कही थी। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि यह हिंसा कहां हुई। इजराइल की सेना ने कहा कि उसकी वायुसेना ने सीमावर्ती गांव कफर किला में हिजबुल्ला के हथियार डिपो को निशाना बनाया। उसने कहा कि हमले के समय वहां आतंकवादी मौजूद थे।

इजराइल पर हुए घातक हमले के बाद नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री जल्द से जल्द अमेरिका से स्वदेश लौट रहे हैं, लेकिन उसने इसका समय नहीं बताया। नेतन्याहू अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। उनके कार्यालय ने कहा कि वह इजराइल पहुंचने के बाद सुरक्षा कैबिनेट की बैठक करेंगे। एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जिहान सफादी ने ‘चैनल 12’ को बताया कि मृतकों में पांच छात्र शामिल हैं। इजराइली सेना ने कहा कि उसके विश्लेषण के अनुसार, रॉकेट दक्षिणी लेबनान के चेबा गांव के उत्तर में स्थित क्षेत्र से दागा गया था।