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पेरिस ओलंपिक में 45 हजार पुलिसवाले, शार्पशूटर और राफेल जेट… भारतीय फोर्स भी तैनात

 पेरिस

पेरिस ओलंपिक का आगाज इसी हफ्ते 26 जुलाई को होगा. यह गेम्स 11 अगस्त तक चलेंगे. दुनियाभर के तमाम देश के एथलीट्स ओलंपिक में मेडल के लिए जुनूनी खेल दिखाने को तैयार हैं. ऐसे में ओलंपिक के दौरान पेरिस में सुरक्षा व्यवस्थाएं भी तगड़ी की गई हैं. भारत से भी फोर्स को भेजा गया है, जो वहां तैनात हैं.

बता दें कि फ्रांस में 100 साल बाद ओलंपिक हो रहे हैं. पेरिस तीसरी बा ओलंपिक की मेजबानी करने वाला लंदन के बाद दूसरा शहर होगा. ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेरिस को छावनी में तब्दील कर दिया है. लगभग हर देश ने अपनी फोर्स यहां मदद के लिए भेजी है. 40 देशों ने कुल 1900 पुलिसकर्मी भेजे हैं.

ओलंपिक में सुरक्षा करेंगे भारतीय डॉग स्क्वॉड

भारत ने भी इंडियन सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) और स्पेशल कमांडो को भेजा है. एक डॉग स्क्वॉड को भी भेजा है, जो हर खतरे से निपटने में महारत रखते हैं. यह बात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है.

पेरिस ओलंपिक में कुल 10 हजार 500 एथलीट हिस्सा लेंगे. इनके अलावा लाखों की संख्या में दर्शकों के आने की संभावना है. यही वजह भी है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार पेरिस में सबसे ज्यादा फौजी तैनात किए गए. यहां इस समय हर जगह बंदूकधारी पुलिसवाले और फौजी ही नजर आ रहे हैं.

30 मिनट में कहीं भी पहुंच सकती है फोर्स

पुलिस और पैरामिलिट्री के 45 हजार सोल्जर तैनात किए गए हैं. इनके अलावा 10 हजार से ज्यादा सैनिकों ने मोर्चा संभाला है. ये सोल्जर 30 मिनट में किसी भी ओलंपिक वेन्यू पर पहुंचने के लिए तैयार रहेंगे. हवाई सुरक्षा में राफेल फाइटर जेट लगाए गए हैं. इनके अलावा एयरस्पेस मॉनिटरिंग AWACS सर्विलांस फ्लाइट, रीपर सर्विलांस ड्रोन, शार्पशूटर के साथ हेलिकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने वाली मशीनें भी तैनात हैं.

सुरक्षा के मद्देनजर ओलंपिक के लिए अलग से नए वेन्यू नहीं बनाए गए हैं, बल्कि पुरानी और मशहूर जगहों को ही चुना गया है. इसी तरह से ओपनिंग सेरेमनी के लिए सीन नदी को चुना गया है. आयोजनकर्ताओं को साइबर अटैक का खतरा भी है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके तहत लावारिस बैग मिलने या भीड़ बढ़ने जैसी स्थिति में वे मदद करेंगे.

सीन नदी के आसपास के एरिया को नो फ्लाई जोन घोषित किया जाएगा

ओपनिंग सेरेमनी के दौरान सीन नदी के आसपास 150 किलोमीटर एरिया को नो फ्लाई जोन करार दिया जाएगा। इसके साथ ही एआई सॉफ्टवेयर से लैस कैमरे भी किसी भी संभावित खतरे से निपटने में मदद करेंगे। इस मामले में फ्रांस को 40 से अधिक देशों से भी मदद मिल रही है, जिसने 1900 से अधिक पुलिस बल भेजे है। गृहमंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि हम विशेष रूप से रूसी और बेलारूसी नागरिकों की गहन जांच कर रहे हैं। 155 लोगों को ‘बहुत खतरनाक’ और आतंकवादी स्तर खतरा माना जाता है। उन्हें उद्घाटन समारोह और खेलों से भी दूर रखा जा रहा है, पुलिस कुछ मामलों में हथियारों और उनके घरों तथा कम्प्यूटरों की तलाशी ले रही है।

30 मिनट में कहीं भी पहुंच सकती है फोर्स

पुलिस और पैरामिलिट्री के 45 हजार सोल्जर तैनात किए गए हैं. इनके अलावा 10 हजार से ज्यादा सैनिकों ने मोर्चा संभाला है. ये सोल्जर 30 मिनट में किसी भी ओलंपिक वेन्यू पर पहुंचने के लिए तैयार रहेंगे. हवाई सुरक्षा में राफेल फाइटर जेट लगाए गए हैं. इनके अलावा एयरस्पेस मॉनिटरिंग AWACS सर्विलांस फ्लाइट, रीपर सर्विलांस ड्रोन, शार्प शूटर के साथ हेलीकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने वाली मशीनें भी तैनात हैं. सुरक्षा के मद्देनजर ओलंपिक के लिए अलग से नए वेन्यू नहीं बनाए गए हैं, बल्कि पुरानी और मशहूर जगहों को ही चुना गया है. इसी तरह से ओपनिंग सेरेमनी के लिए सीन नदी को चुना गया है. आयोजनकर्ताओं को साइबर अटैक का खतरा भी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके तहत लावारिस बैग मिलने या भीड़ बढ़ने जैसी स्थिति में वे मदद करेंगे.