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24 घंटे में ही 9 की मौत! चारधाम यात्रा में अब तक 29 श्रद्धालुओं का निधन, हेल्थ टेस्ट पर प्रशासन सख्त

देहरादून
 इस बार भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। एक दिन में 9 लोगों की मौत के साथ ही यात्रा के 9 दिनों में मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। 10 मई से शुरू हुई इस यात्रा का आंकड़ा अगले 9 दिनों तक का है।

दो दिन पहले शनिवार को बद्रीनाथ में एक और यमुनोत्री में 2 श्रद्धालुओं की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या में इजाफा हो गया। इनमें से 2 गुजरात के और एक पुणे, महाराष्ट्र के निवासी थे। वहीं केदारनाथ में 6 लोगों की मौत हुई। श्रद्धालुओं की भारी तादाद तीर्थस्थलों पर उमड़ रही है। भारी भीड़ के कारण तीर्थस्थलों पर लोगों को परेशानी हो रही है।

गुजरात के सूरत निवासी 49 साल के शशिकांत बद्रीनाथ धाम में कार्डियक अरेस्ट की वजह से मर गए। वहीं यमुनोत्री में गुजरात निवासी 53 साल के कमलेश भाई पटेल रास्ते में ही गिर पड़े। पास के हेल्थ सेंटर में ले जाने पर उन्हें मृत घोषित किया गया। वहीं यमुनोत्री दर्शन को आईं पुणे की 54 वर्षीय रोहिणी दलवी उत्तरकाशी के खराड़ी गांव में अपने होटल में मृत पाई गईं।

उत्तराकाशी के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर बी एस रावत ने बताया कि यमुनोत्री में 11 लोगों की और गंगोत्री में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं रुद्रप्रयाग प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक केदारनाथ में इस बार अभी तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। बाकी मृतकों के आंकड़े बद्रीनाथ धाम के हैं।

तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर बड़ी बात सामने आई है। बिना स्वास्थ्य की जांच कराए तीर्थयात्रा पर आने का मामला सामने आया है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य की जांच कराकर तीर्थयात्रा पर आने की अपील की है। स्वास्थ्य की ठीक से जांच ठीक से नहीं कराने के मामले के सामने आने के कारण तीर्थस्थलों पर लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

26 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

पांडेय ने बताया कि चारधामों में 14 मई तक ऑनलाइन कुल 26 लाख 73 हजार 519 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। गंगोत्री में 4 लाख 21 हजार 366, यमुनोत्री के लिए 4 लाख 78 हजार 576, श्रीबद्रीनाथ धाम के लिए 9 लाख सात हजार 60 और केदारनाथ धाम के लिए कुल 8 लाख 13 हजार 558 जबकि श्रीहेमकुंड साहिब के लिए 59,312 पंजीकरण हुए हैं। इसके अलावा हरिद्वार एवं ऋषिकेश में 8 से 14 मई तक कुल 1,42,641 पंजीकरण ऑफलाइन हुए हैं।

उन्होंने बताया कि यमुनोत्री में आज तक 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 व बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

पहले दिन अधिक श्रद्धालु पहुंच गए
पांडेय ने कहा यमुनोत्री धाम में पांच किमी का रास्ता बेहद संकरा है। यहां पर एक समय में सीमित संख्या में ही लोग आ-जा कर सकते हैं। पिछले साल जब कपाट खुले थे तो उस दिन कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे जबकि इस बार कपाट खुलने वाले दिन 12,193 यात्री आ गए। केदारनाथ धाम में पिछले साल कपाट खुलने वाले दिन 18,335 यात्री आए लेकिन इस साल करीब 29 हजार श्रद्धालु पहुंच गए।

यमुनोत्री धाम के जानकी चट्टी में कुल 15,455 श्रद्धालु थे जिनमें से आज सुबह 10 बजे तक कुल 4 हजार यात्री दर्शन भी कर चुके थे। गंगोत्री में 3902, केदारनाथ में सुबह 10 बजे तक 8194 एवं बद्रीनाथ में 4518 ने श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। सुरक्षा के मद्देनजर कुछ यात्रियों को यमुनोत्री व गंगोत्री मार्ग पर भी ठहराया जा रहा है। सूखी टॉप से लौटते समय व गंगनानी से आगे गेट सिस्टम लागू किया गया है।

बगैर रजिस्ट्रेशन यात्रा न करें श्रद्धालु
आज सुबह सचिवालय में मुख्य सचिव ने बैठक ली। इसमें बताया गया कि ऑफलाइन पंजीकरण में जिन लोगों ने 20-21-22 मई के लिए पंजीकरण कराया गया था, वो भी पहले ही पहुंच गए। इस कारण भीड़ बढ़ी। इसलिए आज से प्रशासन की टीमें सख्ती से चेकिंग कर रही हैं।

अगर कोई टूर ऑपरेटर बिना पंजीकरण वाले यात्रियों को ले जाते हुए मिलता है तो यात्रियों को होल्ड कर वाहनों के परमिट सस्पेंड किए जाएंगे। प्रशासन ने लोगों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही यात्रा करने को कहा है साथ ही कहा कि जिस तारीख का पंजीकरण हो उसी दिन पहुंचें।

श्रद्धालुओं की हेल्थ स्क्रीनिंग के इंतजाम
पांडेय ने बताया श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच संबंधी स्क्रीनिंग के पर्याप्त इंतजाम हैं। श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य हिस्ट्री पूछी जा रही है। श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य के बारे में पूरी व सही जानकारी देना चाहिए। चारों ही धाम ऊंचाई पर हैं जहां एकाएक गर्म स्थानों से आए लोगों को यहां के क्लाइमेट में ढलने में दिक्कत होती है। श्रद्धालुओं के लिए कुल 14 भाषाओं में स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की गई है।

केदारनाथ धाम के लिए 18 हजार प्रतिदिन व यमुनोत्री में 8 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन के लिहाज से पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। 10 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 1 लाख 26 हजार 306 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ पहुंचकर नया रिकॉर्ड बनाया है।