भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई में मारे गए 5 शीर्ष आतंकवादियों की हुई पहचान
नई दिल्ली
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई में मारे गए 5 शीर्ष आतंकवादियों की पहचान हो गई है। ये सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से जुड़े थे और भारत के खिलाफ साजिशों में सक्रिय थे। पाकिस्तान से मिली खुफिया जानकारी और सूत्रों के अनुसार, इन आतंकियों को मरने के बाद सम्मान मिलना एक वैश्विक मंच पर उसकी दोहरी नीति को उजागर करता है। इन आतंकियों के बारे में जानकारी नीचे दी गई है।
1. मुदस्सर खादियान (लश्कर-ए-तैयबा)
मुरीदके स्थित मरकज तैयबा का प्रभारी मुदस्सर खादियान ऑपरेशन की रात में वहीं मौजूद था। वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ढांचे का अहम हिस्सा था। पाकिस्तान में मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवादी अबू जुंदाल के अंतिम संस्कार में मुदस्सर भी शामिल था, जहां पाकिस्तानी सेना ने जुंदाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस मौके पर पाक सेना प्रमुख, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज और एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल सहित पंजाब पुलिस के आईजी ने श्रद्धांजलि दी।
2. हाफिज़ मुहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
जमील, जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा बहनोई था। ऑपरेशन वाले दिन वह बहावलपुर स्थित अपने घर में सो रहा था। वह मरकज सुभानअल्लाह का प्रभारी था और आतंकवादी विचारधारा फैलाने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने तथा जैश के लिए फंडिंग इकट्ठा करने में शामिल था।
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर (जैश-ए-मोहम्मद)
मसूद अजहर का साला और "उस्ताद" के नाम से कुख्यात, यूसुफ जैश के हथियार ट्रेनिंग कार्यक्रमों का नेतृत्व करता था। वह जम्मू के कई आतंकी हमलों और आईसी-814 विमान अपहरण जैसे मामलों में वांछित था। यह आतंकवादी लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था।
4. खालिद उर्फ अबू आकाश (लश्कर-ए-तैयबा)
अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी करने वाला खालिद, जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। ऑपरेशन के समय वह घर में था और वहीं मारा गया। उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जहां पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के लोग मौजूद थे।
5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
PoK में जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा हसन, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में प्रमुख भूमिका निभा चुका था। उसे जैश की रणनीति और जमीनी ऑपरेशनों का अहम व्यक्ति माना जाता था।