प्राकृतिक रूप से लीवर को शुद्ध करने वाले 5 गर्मियों के खाद्य पदार्थ
दिल और किडनी की सेहत पर तो हमेशा चर्चा होती रहती है, लेकिन लिवर के स्वास्थ्य को लेकर कम बात होती है। शरीर का ये अंग शरीर में खून साफ करने, फैट, प्रोटीन, कार्ब्स आदि को नियमित करने का काम करता है। लिवर में थोड़ा फैट भी होता है और ये पित्त रस निकालता है, जो पाचन और मेटाबॉलिज्म में मदद करता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स लिवर को हेल्दी रखने की सलाह देते हैं। अगर लिवर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो हेपेटाइटिस, सिरोसिस, पथरी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। लिवर के महत्व को जागरूक करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इस अवसर पर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा कुछ ऐसे गर्मियों के फूड्स बता रहे हैं, जिन्हें आप डाइट में शामिल करके लिवर को नैचुरली साफ कर सकते हैं।
दही
गर्मी में वही चीजें अच्छी लगती हैं जो पेट के हल्की हों। दही तो ऐसे फूड्स में सबसे ऊपर आता है। ये हल्का, ठंडा होता है और हमें अंदरुनी रूप से पोषण देता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं और ये लिवर में फैट लेवल को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।
अंगूर
गर्मियों में मीठे और रसीले अंगूर खाना किसे अच्छा नहीं लगता। ये मीठे और क्रंची होते हैं, साथ ही इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। ये तत्व लिवर को डिटॉक्स करने और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं।
नींबू
नींबू गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खट्टे फलों में से एक है। नींबू पानी से लेकर कई तरह के खाने-पीने की चीजों में नींबू का इस्तेमाल करते हैं। नींबू हमें विटामिन सी देता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही ये हमें डिहाइड्रेशन से बचाता है और गर्मी के दिनों में ठंडा रखता है। यही नहीं, ये लिवर को साफ करने और उसकी सेहत को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
सहजन
हरी सब्जियों में कई तरह के सफाई वाले तत्व होते हैं जो हमारे लिवर को प्राकृतिक रूप से साफ करने में मदद करते हैं। ऐसी ही एक लोकप्रिय हरी सब्जी है सहजन। ये पित्त रस के स्राव में मदद करती है, जो पाचन और डिटॉक्सिफिकेशन को और बढ़ावा देता है। सहजन लिवर फाइब्रोसिस के लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकता है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी के फायदों के बारे में तो सभी जानते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं और 'वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ये शरीर में फैट का प्रतिशत और खून में फैट को कम करने में मदद कर सकती है।