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गुजरात कांग्रेस में संगठन मजबूत करने के लिए मैदान में उतारे 41 राष्ट्रीय पर्यवेक्षक

 गुजरात

 विधानसभा चुनाव होने में अभी डेढ़ साल से ज्यादा का समय है। लेकिन कांग्रेस गुजरात में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने लिए अभी से काम करना शुरू कर दिया है। भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने गुजरात कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठन सृजन अभियान के तहत 41 राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों और 183 प्रदेश पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है।

इन पर्यवेक्षकों को राज्य की 41 जिला कांग्रेस समितियों (DCC) के अध्यक्षों के चयन और संगठन के पुनर्गठन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। हर जिला समिति में एक AICC पर्यवेक्षक के साथ चार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. AICC पर्यवेक्षक उस समूह के संयोजक होंगे। गुजरात के लिए पहले से नियुक्त चार AICC सचिव इस प्रक्रिया का अपने-अपने ज़ोन में समन्वय करेंगे।

15 अप्रैल को मोडासा में होगी पहली बैठक
इन सभी पर्यवेक्षकों की पहली बैठक मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 को दोपहर 3 बजे अरावली जिले के मोडासा शहर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में संगठन को मज़बूत करने की रणनीति और ज़मीनी स्तर पर ज़रूरी बदलावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी की भी मौजूदगी रहेगी।

दरअसल कांग्रेस का उद्देश्य जिला इकाइयों को अधिकार देना, उन्हें जवाबदेह बनाना और पार्टी उम्मीदवारों के चयन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। राहुल गांधी ने भी हाल ही में कहा था कि जिला कांग्रेस समितियों और उनके अध्यक्षों को पार्टी की नींव के रूप में स्थापित किया जाएगा।

जिम्मेदारी संभालने वाले प्रमुख राष्ट्रीय नेता
इन 41 राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों में कई वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता शामिल हैं, जिनमें बालासाहब थोराट, बी के हरिप्रसाद, मनीकाम टैगोर, हरीश चौधरी, अजय कुमार लल्लू, बी वी श्रीनिवास, प्रणति शिंदे, इमरान मसूद और नीरज डांगी जैसे नाम प्रमुख हैं। इस पहल के ज़रिए कांग्रेस पार्टी गुजरात में अपने संगठनात्मक ढांचे को मज़बूती देने और आगामी चुनावों के लिए सशक्त रणनीति तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।