सात राहत शिविरों में 386 प्रवासी श्रमिकों को मिला आश्रय जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही भोजन और जरूरी सुविधाएं
इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉक डाउन के बाद अपने-अपने घरों की ओर लौटने वाले मजदूरों को सुकमा में सात विभिन्न स्थानों पर आवास और भोजन सहित सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इन राहत शिविरों में श्रमिकों को कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए दिये गए सभी सुझावों का पालन भी करवाया जा रहा है। कोरोना वायरस के कारण जहां विश्व के 200 से अधिक देश प्रभावित हैं और 20 लाख से अधिक लोगों के संक्रमित होने और लगभग सवा लाख लोगों के अब तक मृत्यु का समाचार है, वहीं भारत में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से देशव्यापी लॉक डाउन कर दिया गया।
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सार्वजनिक यातायात के साधनों को पूरी तरह बंद किये जाने के बावजूद दक्षिणी राज्यों में काम के लिए जाने वाले प्रवासी मजदूरों की वापसी के सिलसिले को देखते हुए सुकमा जिला प्रशासन द्वारा त्वरित एहतियाती कदम उठाए गए और वापस आने वाले इन मजदूरों को सुरक्षित आवास, भोजन और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
वर्तमान में सुकमा जिले में सात स्थानों में 386 मजदूरों को प्रश्रय दिया गया है, इनमें सुकमा जिले के साथ ही दूसरे जिले के मजदूर भी शामिल हैं, जो आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु सहित दक्षिणी राज्यों से वापस लौट रहे थे।