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कोलकाता से चेन्नई का 1,668 किलोमीटर का सफर महज 3 घंटे में, किराया केवल 600 रुपये होगा

बेंगलुरु

कल्पना कीजिए कि चेन्नई से कोलकाता तक मात्र तीन घंटे में मात्र 600 रुपये में यात्रा की जाए – जो कि एसी थ्री-टियर ट्रेन टिकट से भी सस्ता है।यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आईआईटी-मद्रास द्वारा संचालित स्टार्टअप वाटरफ्लाई टेक्नोलॉजीज, जो विंग-इन-ग्राउंड (डब्ल्यूआईजी) क्राफ्ट विकसित कर रही है, जिसे इलेक्ट्रिक सीग्लाइडर के रूप में जाना जाता है, जल्द ही तटीय क्षेत्रों में यात्रियों और माल का परिवहन करेगी।

बेंगलुरु में एयरो इंडिया में वाटरफ्लाई टेक्नोलॉजीज ने अपना डिज़ाइन प्रदर्शित किया, जिसका प्रोटोटाइप जल्द ही आने की उम्मीद है। ये शिल्प पारंपरिक हवाई यात्रा और नौकाओं के लिए एक टिकाऊ विकल्प प्रदान करते हैं।

दरअसल, IIT मद्रास के इनक्यूबेशन सेल की तरफ से समर्थित स्टार्टअप वॉटरफ्लाई टेक्नोलॉजीज ने यह चौंकाने वाला दावा किया है. कंपनी के इस दावे के मुरीद मशहूर कारोबारी और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी हो गए हैं. आनंद महिंद्रा ने तो यह तक कह दिया कि आईआईटी मद्रास स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मामले में सिलिकॉन वैली को टक्कर देता दिख रहा है…!

हाल ही में बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 में वॉटरफ्लाई टेक्नोलॉजीज ने भारत में एक नए ट्रांसपोर्ट मोड के डिज़ाइन को शोकेस किया है. इसे विग क्रॉफ्ट (WIG Craft) नाम दिया गया है. जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि ये विग क्राफ्ट समुद्र की सतह से 4 मीटर ऊपर चलेगा और इससे कोलकाता से चेन्नई तक की यात्रा महज 600 रुपये में की जा सकेगी.

आनंद महिंद्रा ने इस इलेक्ट्रिक सीग्लाइडर के डिजाइन की प्रशंसा की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि, "आईआईटी मद्रास स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मामले में सिलिकॉन वैली को टक्कर दे रहा है…! लगभग हर हफ़्ते एक नए ‘टेकवेंचर’ की खबर आती है. इसमें मुझे जो पसंद आया वह सिर्फ़ हमारे भव्य जलमार्गों के दोहन का वादा नहीं है, बल्कि यह फैक्ट भी है कि इस क्राफ्ट का डिज़ाइन बहुत ही शानदार है!"

क्या है विग क्रॉफ्ट

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाटरफ्लाई टेक्नोलॉजीज इलेक्ट्रिक सी ग्लाइडर डेवलप कर रहा है. जिसे विंग-इन-ग्राउंड (WIG) क्राफ्ट के रूप में भी जाना जाता है. ये विग क्राफ्ट एयरोप्लेन और शिप के लिए एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. कथित तौर पर इस विग क्राफ्ट को पानी की सतह से लॉन्च किया जाएगा. जो सतह से तकरीबन 4 मीटर उपर चलेगा और इफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ग्राउंड इफ़ेक्ट का उपयोग करेगा. इसकी स्पीड 500 किमी/घंटा तक हो सकती है.

मनीकंट्रोल को दिए गए एक बयान में, वॉटरफ्लाई के सीईओ और को-फाउंडर हरीश राजेश ने कहा "कोलकाता से चेन्नई तक WIG Craft के जरिए 1,600 किमी की यात्रा के लिए प्रति सीट सिर्फ 600 रुपये का खर्च आएगा. जो एसी थ्री-टियर ट्रेन टिकट की तुलना में बहुत सस्ता है, जिसकी कीमत 1,500 रुपये से अधिक है."

उन्होंने यह भी कहा कि ये क्रॉफ्ट पानी से उड़ान भरने में सक्षम होगा और चार मीटर की स्थिर ऊंचाई बनाए रखेगा. जिससे किसी तरह के एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा ये क्रॉफ्ट पानी, बर्फ, रेगिस्तान या किसी भी अन्य इलाके में भी उड़ान भरने में सक्षम होगा. वाटरफ्लाई कथित तौर पर इन सीग्लाइडर्स को एयरलाइनों को बेचने की योजना बना रही है. ख़बर यह भी है कि वाटरफ्लाई 2029 तक दुबई-से-लॉस एंजिल्स  और चेन्नई-सिंगापुर जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों की मैपिंग भी कर रही है.