चीतों को स्थानांतरित करने के लिए गांधी सागर अभयारण्य से ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए 10 तेंदुए
उज्जैन
मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य से 10 तेंदुओं को पकड़कर खंडवा जिले के प्रस्तावित ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में छोड़ दिया गया है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान से चीतों को स्थानांतरित करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यह किया गया है। श्योपुर जिले के कूनो से शिकारियों को स्थानांतरित करने का उद्देश्य चीतों के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करना है, जिन्हें वन विभाग प्रोजेक्ट चीता के हिस्से के रूप में गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों की निगरानी में हो रही कार्रवाई
उज्जैन के वन संरक्षक एमआर बघेल ने हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाईम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वन अधिकारियों ने गांधी सागर अभयारण्य में लगभग 20-22 तेंदुओं की गिनती की थी। इनमें से लगभग 10 तेंदुओं को पकड़कर खंडवा में छोड़ दिया गया है। कार्रवाई विशेषज्ञों की कड़ी निगरानी में की जा रही है।
बाड़ लगाकर दे रहे सुरक्षा
गांधी सागर अभयारण्य 382 वर्ग किमी में फैला हुआ है। पिछले एक साल से अभयारण्य में चीतों को 64 वर्ग किमी के विशेष रूप से डिजाइन किए गए बाड़ वाले क्षेत्र में स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है। डीएफओ संजय रायखेड़े ने बताया कि चीतों के लिए तैयार किए गए बाड़े के बाहर करीब 120 तेंदुए देखे गए हैं। उन्होंने कहा, 'इन शिकारियों को बाहर रखने के लिए लगभग 10 फीट ऊंची बाड़ तैयार की गई है।'
केन्या से आई थी टीम
बघेल ने कहा कि केंद्र की एक टीम और केन्या के विशेषज्ञों ने हाल ही में गांधी सागर अभयारण्य का दौरा किया था और चीतों की सुविधा के लिए बुनियादी नियम बनाए थे। उन्होंने कहा, 'हम चीतों के लिए पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर में 121 चित्तीदार हिरण भी लाए हैं।'