आप लोग तो अलग ही चैप्टर हो डैडी!
चमन बहार पर केवल कृष्ण. पंकज त्रिपाठी अक्सर क्राफ्ट और टूल्स की बात करते हैं, यानी अभिनय में शिल्प की बात। अभिनेताओं के स्कूल तो एक जैसे होते हैं, लेकिन शिल्प अपना-अपना होता है। कैरेक्टर को लेकर लेखक और निर्देशक के अलावा अदाकार की भी अपनी परिकल्पना होती है, उसी के मुताबिक वह अपने शिल्प को गढ़ता है। छैनी पर हथौड़ी से कब कितना प्रहार किया जाना चाहिए, यह उसी की समझ पर निर्भर करता है। एक आम-दर्शक को इन बारीकियों से उतना वास्ता नहीं होता, वह बस यह चाहता
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