विदाई के वक्त दुल्हन चावल क्यों फेंकती है? फिर पलटकर पीछे नहीं देखती, जानें इस प्रथा की वजह
हिंदू सनातन धर्म में अलग अलग रश्म और मान्यता है. शादी विवाह में भी कई तरह के रश्म निभाए जाते है. हर रश्म के अलग -अलग मान्यता होती है. मगर क्या आप जानते है कि विवाह के पश्चात दुल्हन अपनी पिता के दहलीज को जब लांघती है, तो बिना पीछे पलटे चावल क्यों छींटती है?. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे की आखिर ऐसा क्यों होता है. गोस्वामी तुलसीदास के चौपाई पुत्रि पवित्र किये कुल दोऊ, सुजस धवल जगु कह सब कोऊ के अनुसार पुत्री दो कुल को पवित्र करती
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