बंद एयरकंडीशनर कमरे में बैठकर कविताएं लिखी जा रही हैं, तो यह सब बेमानी हैं : त्रिलोक महावर
कविता हमें आश्वस्ति प्रदान करती है–संतोष चौबे ‘आज के समय में कविता‘ पुस्तक भोपाल में हुई लोकार्पित कविता में अभिव्यक्ति देश, काल और परिस्थितियों से अछूती नहीं रह सकती। कविता सहज होना जरूरी है तभी आम पाठक तक पहुंच संभव हो सकेगी। हमारे आसपास, समाज, देश–दुनिया में क्या घटित हो रहा है यदि इससे बेखबर बंद एयरकंडीशनर कमरे में बैठकर कविताएं लिखी जा रही हैं, तो यह सब बेमानी हैं। उक्त उद्गार वरिष्ठ कवि एवं प्रशासन अकादमी, छत्तीसगढ़ के निदेशक त्रिलोक महावर ने स्वयं की ताजा पुस्तक ‘आज के समय
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