दोबे की पहाड़ियों पर पत्थरों का परिवार, चट्टानों की संरचना अद्भूत… नीलम सरई के बाद बीजापुर के पर्यटन पटल पर दोबे की दस्तक…
दोबे से लौटकर। पी रंजन दास। जुड़ी हुई हैं किंवदंती, पहाड़ पर हैं देवताओं का वास बीजापुर। पहाड़ पर घास के सपाट मैदान, बीच में गुजरता नाला, इन सब के बीच दूर तक अद्भूत कलाकृतियों को संजोये पत्थरों का एक गांव । प्राकृतिक खूबसूरती और अद्भूत कलाकृतियों से युक्त पत्थरों का ऐसा झुण्ड नजर आता है दोबे की पहाड़ियों पर, जिसे पत्थरों का गांव भी कहा जाता है। बीजापुर के उसूर ब्लाक में नीलम सरई और नम्बी जलधारा के मध्य एक पहाड़ी जिसे स्थानीय लोग दोबे के नाम से जानते
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