District Beejapur

एक हफ्ते की जांच, पंद्रह दिन बाद भी पूरी नहीं हुई… कलेक्टर की चुप्पी से जांच पर सवाल उठना लाजिमी…

इम्पेक्ट न्यूज. बीजापुर।

बारेगुड़ा सड़क मामले में पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह का बयान, कहाः जांच कमेटी पर भरोसा नहीं रहा, मंत्री टीएस से करेंगे शिकायत, ईई के पूरे कार्यकाल की जांच की भी करेंगे मांग…

खासपारा से बारेगुड़ा तक पांच किमी सड़क निर्माण में हुई धांधली पर जिपं सदस्य बसंत ताटी के बाद बीजापुर के पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय सिंह ने प्रशासन पर ही जुबानी हमला बोला है। अजय ने कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम की कार्यशैली को ही संदिग्ध बताया है।

फोन पर चर्चा में उनका कहना था कि जिपं की समीक्षा बैठक में पीएमजीएसवाय की इस सड़क में हुई बंदरबाट का मामला उजागर हुआ था। जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने एक जांच टीम गठित करते लोनिवि के कार्यपालन यंत्री को जांच का जिम्मा सौंपा था और जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, बावजूद एक सप्ताह बीतने के बाद भी मामले की जांच नहीं पाई।

खुद जांच अधिकारी फिल्ड पर कभी नहीं गए। दूसरी ओर जांच हेतु निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद कलेक्टर भी इस गंभीर मामले पर मौन है। कलेक्टर की यह चुप्पी कई संदेहों को जन्म देती है। अजय का यह भी कहना है कि सड़क के संबंध में उनकी पीएमजीएसवाय के ईई से भी चर्चा हुई थी। उनका कहना था कि यह काम उनके कार्यकाल का नहीं है।

जबकि ईई सरासर झूठ बोल रहे हैं। उनके पास इस सड़क वर्तमान ईई के कार्यकाल का है इसका प्रमाण भी है, जरूरत पड़ने पर वे उस प्रमाण को सार्वजनिक भी करेंगे। अजय का कहना है कि बीजापुर में कलेक्टर से लेकर विभाग प्रमुख प्रदेश सरकार के नेताओं का गुमराह कर रहे हैं। जिपं की समीक्षा बैठक में 58 लाख रूपए गबन के जो आरोप लग रहे हैं, वो पूरी तरह सत्य है, चूंकि पूरे मामला अफसरों के कमीशन से जुड़ा हुआ है.

लिहाजा निचले स्तर से उपर तक प्रशासन के जिम्मेदार अफसर यहां तक कि जिले के कलेक्टर भी पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, इससे यह साबित होता है कि सड़क निर्माण में धांधली की जो बात सामने आई है वो सोलह आने सच है।

अजय ने यह भी कहा कि अब उन्हें कलेक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी पर भरोसा नहीं रहा, इसलिए वे पूरे मामले की षिकायत प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव से जल्द ही करेंगे और साथ में इस पूरे मामले में दोषी पीएमजीएसवाय के ईई के संपूर्ण कार्यकाल की जांच की मांग भी करेंगे।

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