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फर्जी बिल से 600 करोड़ की जीएसटी क्रेडिट लेने वाली तीन कंपनियों के निदेशक गिरफ्तार…

ऩ्यूज डेस्क। (एजेंसी)

फर्जी बिल के माध्यम से 600 करोड़ रुपये से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से कर चोरी करने के मामले में डीजीजीआई डीआरआई ने तीन कंपनियों फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और गणपति एंटरप्राइजेज के खिलाफ मामला दर्ज कर इनके निदेशकों को गिरफ्तार किया है। 

वित्त मंत्रालय ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ये कंपनियां वस्‍तुओं की किसी वास्तविक आपूर्ति के बिना ही इन्‍वॉयस जारी करने में लिप्‍त पाई गई थीं। डीजीजीआई –डीआरआई द्वारा अनुचित आईटीसी के बल पर फर्जीवाड़े से आईजीएसटी के रिफंड का दावा करने वाले विभिन्न निर्यातकों के खिलाफ सितंबर 2019 में शुरू किए गए अभियान के तहत एक निर्यातक कंपनी अनन्या एक्जि‍म के खिलाफ दर्ज किए गए मामले से जुड़े डेटा का विश्‍लेषण करने पर अधिकारियों को इस मामले का पता चला और फि‍र उन्‍होंने इस पर आगे काम किया। डीजीजीआई मुख्यालय द्वारा की गई जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि उपर्युक्‍त तीनों कंपनियों ने 4,100 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के चालान (इन्‍वॉयस) जारी किए हैं, जिनके तहत 600 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की कर राशि को आईटीसी क्रेडिट के रूप में विभिन्न निकायों को फर्जीवाड़े से हस्‍तांतरित कर दिया गया है।

जीएसटी अधिनियम के तहत विभिन्‍न तरह के अपराध करने के मद्देनजर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो, जो फरार थे और डीजीजीआई मुख्यालय में अपनी पेशी से बच रहे हैं। तीसरा व्यक्ति एबी प्लेयर्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक और उन विभिन्न अन्य निर्यात फर्मों/कंपनियों का नियंत्रक है, जिन्होंने इन फर्मों द्वारा जारी किए गए फर्जी चालान (इन्‍वॉयस) के बल पर आईजीएसटी के रिफंड का दावा किया है।

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