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सरकार पर विश्वास…घोर नक्सल प्रभावित इलाके से तीन दिन में पहुंचे जिला मुख्यालय…ग्रामीणों ने स्कूल व आंगनबाड़ी खोलने की रखी मांग…


इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
एक समय था जब अंदरूनी इलाको के ग्रामीण समस्या को लेकर जिला मुख्यालय आने से कतराते थे लेकिन अब लोगो का सरकार पर विश्वास बढ़ रहा हैं। आज घोर नक्सल प्रभावित इलाके के कुछ ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और उन्होने गांव में सकूल व आंगनबाड़ी खोलने की मांग की जिस पर कलेक्टर चंदन कुमार ने जल्द खोलने की बात कही।


आज कलेक्टोरेट में कांटा ब्लाक के घोर नक्सल प्रभावित पेंटापाड़ पंचायत की सरपंच व ग्रामीण पहुंचे। और कलेक्टर चंदन कुमार से मुलाकात की और गांव में स्कूल व आंगनबाड़ी खोलने की मांग की। सरपंच व ग्रामीणों ने कहा कि गांव में स्कूल व आंगनबाड़ी नहीं होने के कारण बच्चें पढ़ाई से वंचित रह रहे है। इस दौरान उनके साथ महेश कुंजाम व देवा सोढ़ी भी मौजूद थे।

फोटो – स्कूल व आंबा खोलने की मांग को लेकर कलेक्टोरट पहुंचे ग्रामीण।


चिंतागुफा से करीब 21 किमी. दूर स्थित पंेंटापाड़ गांव जो कि घोर नक्सल प्रभावित है। इस पंचायत में 9 आश्रित गांव है। जिसमें तीन गांव सिंघनमड़गू, छोटे केड़वाल व कुमारपदर जहां स्कूल व आंगनबाड़ी नहीं हैं। इन तीन गांवों में करीब 150 घरों की बस्ती हैं। बच्चों की संख्या में काफी अच्छी है। इसलिए ग्रामीणों के कहने पर यहां आए है।


बारीश में कट जाता है रास्ता साईकिल पर आते है राशन लेने
ग्रामीण कौशल मंडकम बताते है कि चिंतागुफा से गांव जाने के लिए घने जंगलों के बीच नदी-नालों को पार कर पगड़डी के सहारे 21 किमी. जाना पड़ता है। जिसमें छोटी पहाड़िया भी पार करनी पड़ती है। बाकी दिनों में तो ठीक है लेकिन बारीश में काफी परेशानी होती है। क्योंकि राशन लेने के लिए चिंतागुफा आना पड़ता है। लेकिन रास्ते में नदी-नाले उफान पर रहते है। ऐसे में साईकिल पर ही राशन गांव तक ले जाया जाता है। गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है।


गांव पहुंचते तक लग जाऐंगे तीन दिन
ग्रामीण मड़कम हुंगा ने बताया कि हम लोग कुछ दूर साईकिल से आऐ। उसके बाद किसी से मोटरसाईकिल मांग कर दोरनापाल पहुंचे। वहां रात हो गई तो जान-पहचान वालों के घर रूके। उसके बाद फिर आज सुबह यहां पहुंचे हैं उसके बाद यहां रात रूकेंगें और कल वापस घर के लिए रवाना होंगें। सड़क नहीं होने के कारण काफी परेशानी होती है।


ग्रामीणों से कलेक्टर ने पूछा गांव का हाल-चाल
कलेक्टर चंदन कुमार से पेंटापाड़ के ग्रामीण मिलने पहुंचे तो कलेक्टर चंदन कुमार ने उन ग्रामीणों को अपने चेम्बर में बुला लिया। उसके बाद ग्रामीणों ने मांत्र पत्र दिया और अपनी समस्याओं को बताया। वही कलेक्टर चंदन कुमार ने ग्रामीणों से पूछा कि वहां पर स्वास्थ्य विभाग के लोग आते है। और कुछ दिन पहले मलेरिया की जांच हुई थी क्या। वही कलेक्टर चंदन कुमार ने गांव के बारे में पूछा कि गांव में और क्या समस्या है। वही ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं के बारे में बताया।



इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए पेंटापाड़ की सरपंच दिव्या कवासी ने कहा कि हमारे गांव में स्कूल व आंगनबाडी नहीं है जिसके कारण गांव के बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे है। ग्रामीणों के कहने पर हम लोग यहा पर स्कूल व आंगनबाड़ी खोलने की मांग को लेकर कलेक्टर से मिलने आऐ है। कलेक्टर ने हमारी समस्याओं को सुना।


इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि पेंटापाड़ के ग्रामीण व सरपंच गांव में आंगनबाड़ी व स्कूल खोलने की मांग को लेकर आए थे। उनसे चर्चा की गई। और बहुत जल्द गांव में स्कूल व आंगनबाड़ी खोला जाऐंगा।

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