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बंगाल की खाड़ी पर बन गया चक्रवाती तूफान ‘अंफन’, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों, पर मचा सकता है तबाही

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

बंगाल की खाड़ी पर बन गया चक्रवाती तूफान ‘अंफन’, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों, पर मचा सकता है तबाही

बंगाल की खाड़ी पर बना मौसमी सिस्टम प्रभावी होते हुए चक्रवाती तूफान बन गया है। चक्रवाती तूफान ‘अंफन’ अब अपनी पूरी क्षमता में है। इस समय यह बंगाल की खाड़ी में चेन्नई से पूर्व-दक्षिण-पूर्व में 650 किलोमीटर दूर है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तूफान ‘अंफन’ 19 मई की रात या 20 मई की सुबह पश्चिम बंगाल और इससे सटे ओडिशा के पास लैंडफॉल कर सकता है। अनुमान है कि तूफान कोलकाता के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा। इसके चलते न सिर्फ बंगाल के तटीय भागों में बल्कि ओडिशा के तटीय इलाकों में भी भीषण बारिश देखने को मिलेगी और तबाही मचाने वाली हवाएं भी अपना तांडव दिखा सकती हैं।

यह समय भारत के पूर्वी तटों पर खासतौर पर ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा पूर्वोत्तर राज्यों के तटीय इलाकों में सतर्क होने का समय है। चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी है ताकि जानमाल का नुकसान कम से कम हो।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार समुद्र में स्थितियां इसके अनुकूल दिख रही हैं। वायुमंडलीय स्थितियां भी मदद करती हुई नजर आ रही हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा रहा है कि जिस तेजी से सशक्त होने की प्रक्रिया पिछले दो-तीन दिनों के दौरान देखी गई है वैसे ही आने वाले समय में यह आगे बढ़ते हुए और प्रभावी होता रहेगा और अगले 24 से 48 घंटों के भीतर भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा।

जिस जगह पर तूफान चल रहा है उसके आसपास तकरीबन 12 फीट ऊंची लहरें उठ रही है। अनुमान है कि अगले 48 घंटों तक चक्रवाती तूफान ‘अंफन’ उत्तरी दिशा में आगे बढ़ेगा। उसके बाद यह उत्तर और उत्तर-पूर्वी दिशा की तरफ मुड़ जाएगा। इसी दौरान यह अति भीषण चक्रवाती तूफान का रूप लेगा।

बंगाल की खाड़ी पर उठ रहा चक्रवाती तूफान अंफन किस राह जाएगा यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वेदर मॉडल इसके दो ट्रैक दिखा रहे हैं। एक ट्रैक पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश की ओर दिखाया जा रहा है जबकि दूसरा ट्रैक म्यांमार की ओर इसके जाने की ओर इशारा कर रहा है।

लेकिन यह तय हो चुका है कि बंगाल की खाड़ी में सीज़न का पहला चक्रवाती तूफान अगले 24 से 36 घंटों में विकसित हो जाएगा। और यह दो संभावित ट्रैक में से किसी भी तरफ जाए भारत के कुछ हिस्सों का प्रभावित होना भी लगभग निश्चित है। अगर यह सिस्टम म्यांमार या बांग्लादेश जाता है तो पूर्वोत्तर में मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा और नागालैंड तथा पश्चिम बंगाल के तटीय हिस्सों पर भीषण बारिश देगा।

साथ ही अगर यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा पर लैंडफॉल करता है तो छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसका असर देखने को मिल सकता है। साथ ही अगर ओडिशा पर यह लैंडफॉल करता है तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक बारिश हो सकती है।

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