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दर्जनों वारदातों में शामिल 8 लाख के इनामी दंपति समेत 4 नक्सलियों ने छोडा़ संगठन

इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।

कोरोनाकाल में भी नक्सल मोर्च पर जवानों को लगातार सफलताऐं मिल रही है। नक्सल संगठन में नक्सली नेताओं से तंग आकर व शासन की पुनर्वास नीति का लाभ लेने के लिए इनामी नक्सली दंपति समेत 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन सभी नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि दी गई।

बुधवार को जिला पुलिस कार्यालय में इनामी दंपति समेत 4 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। जिसमें कोंटा एलजीएस कमांडर पोड़ियम गंगा उर्फ रघु जिस पर 5 लाख ईनामी और उसकी पत्नि मुचाकि लखे जिस पर 3 लाख का इनामी घोषित था। वही इसके अलावा सोड़ी रमेश 1 लाख का इनामी, हेमला भीमा ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सरेंडर नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि दी। इस दौरान एसपी शलभ सिन्हा, एएसपी सिद्धार्थ तिवारी, संदीप कुमार, लोकेश मेहतो, प्रतीक चतुर्वेदी मौजूद थे।

ऐसे हुई नक्सल संगठन में इन पदों पर रहा रघु
वैसे रघु नक्सल संगठन में काफी अहम पदाधिकारी है। ये 2005 में पोलमपल्ली क्षेत्र में प्लाटून नंबर 4 कमांडर सिघन्ना के द्वारा संगठन में बाल संघम के रूप में शामिल किया था। उसके बाद रघु ने 2005 से 2006 तक बाल संघम फिर 2008 से 2010 तक सीआरसी 01 कंपनी में सेक्शन बी सदस्य व 2011 से 2013 तक सीआरसी 1 कंपनी सेक्शन बी का डिप्टी कमांडर पद पर काम किया। फिर रघु ने 2016 में कोंटा एलजीएस कमांडर के पद पर काम किया।

कई सालों में दर्जनों घटनाओ में शामिल था रघु
रघु ने उड़ीसा व छत्तीसगढ़ में कई घटनाओं में शामिल था। लेकिन उनमें से प्रमुख रूप से उड़ीसा के तेलराई के पास लैण्ड माइन्स गाड़ी पर विस्फोट एंव फायरिंग की घटना साथ ही दामजोड़ी में पुलिस पार्टी पर फायरिंग। इसके अलावा बाली मेला नदी के पास फायरिंग की घटना और पालूर के पास पिकअप वाहन में आईईडी ब्लास्ट करने में शामिल था। वही कोंटा इलाके में पिड़मेल एंबुश, कोताचेरू-भेज्जी मुठभेड़ , बुरकापाल समेत कई घटनाओं मंे शामिल था।


रघु व उसकी पत्नि ने इसलिए छोड़ संगठन
सरेंडर नक्सली रघु ने बताया कि पिछले कई सालों से नक्सल संगठन मे काम कर रहा हूं लेकिन मुझे ना तो प्रमोशन मिला और ना ही कद को लेकर सम्मान। यहां तक कि बड़े नक्सली अपने-अपने बच्चे पैदा कर रहे है और उनका पालन कर रहे है। लेकिन हमे बच्चे पैदा करने व परिवार आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं मिलती। इन सब के कारण संगठन से परेशान होकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया हूं।

इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने बताया कि कोंटा इलाके में रघु काफी सालों से सक्रिय था। और वो हमारे लिए काफी महत्पूर्ण भी था। नक्सल संगठन में रघु को उच्च पद व परिवार आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं मिली। इसके अलावा लगातार जवानों के द्वारा आपरेशन के कारण भी दबाव बढ़ रहा है। और शासन की पुनर्वास नीति से भी नक्सली प्रभावित हो रहे है। इस तरह से रघु व उसकी पत्नि समेत 4 नक्सलियों ने विभिन्न माध्यमों से हमसे संर्पक किया उसके बाद इन लोगो ने सरेंडर किया। फिलहाल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है और शासन की नीतियों का लाभ दिया जाऐंगा।

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