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अब राजनीति का वायरस…

दबी जुबां से… / सुरेश महापात्र.

छत्तीसगढ़ में कोरोना से उबरते हुए अब राजनीति का वायरस सक्रिय होने लगा है। करीब पांच हफ्तों तक राजनीतिक आरोप—प्रत्यारोप के रण में युद्ध विराम के बाद विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। सत्ता पक्ष की ओर से भी जवाबी कार्रवाई हो ही रही है।

बीते सप्ताह छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला सबसे ज्यादा राजनीतिक सुर्खियों में रहा। यहां के क्वारंटीन सेंटर से मजदूर भागे या झारखंड की सीमा पर छोड़े गए पर सवाल मजदूरों के संक्रमण को लेकर उठा। छत्तीसगढ़ पर यह सवाल उठाया गया कि यहां से जाने वाले मजदूरों की जांच रिपोर्ट को जानबूझकर दबाया गया। इस मामले को लेकर भाजपा के प्रखर प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने जमकर हमला किया। पूरे कोरोना काल में भाजपा की ओर से जारी होने वाली सबसे बड़ी प्रेस रिलीज रही। भले ही यहां की मीडिया में उस विज्ञप्ति को उतनी ही जगह नसीब हो सकी, जितनी भाजपा के काल में कांग्रेस को मिलती थी। खैर कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ में अभी तो राजनीति की शुरूआत भर हुई है। कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेल रही है। भाजपा अपनी पारी का इंतजार कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सही मौका नहीं दे रहे हैं। उल्टे कई धमाके करते हुए अपने सजग होने का संकेत भी दे रहे हैं। 

दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक कांग्रेस मुखर होकर कोरोना काल में आर्थिक मामलों को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाने में कोई कमी नहीं कर रही है। राहुल गांधी आर्थिक विशेषज्ञों से बातचीत कर रहे हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर सलाह दे रहे हैं। इसी सलाह के रास्ते पैकेज की डिमांड भी हो रही है। फिलहाल कांग्रे​स शासित राज्य सरकार केंद्र पर आर्थिक सहायता के लिए पैकेज का दबाव बनाए बैठे हैं। ये पैसा मिल ही जाएगा कहना कठिन है। पर इसी बहाने सरकारें जनता के बीच अपना संदेश भी दे रही हैं कि केंद्र ने सहायता नहीं दी फिर भी…

मुकेश गुप्ता और ट्रस्ट…

फाइनली आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट की आड़ में फर्जीवाड़े का अपराध पंजीबद्ध कर ही लिया। लग रहा था कि कोरोना काल में सारे मामले ठंडे बस्ते में विश्राम करेंगे। ताकि माहौल सुधरे तो कुछ आगे बढ़ें पर लॉक डाउन 3.0 के अंत से पहले ही यह काम पूरा कर लिया गया। अब भी यह मामला मुकाम तक पहुंचेगा यह कह पाना कठिन ही है। यह मामला ट्रस्ट का है… जिसके खिलाफ है उसे कानूनी सिस्टम पर पूरा ट्रस्ट है…! जब अरविंद केजरीवाल सामाजिक कार्यकर्ता हुआ करते थे तब उन्होंने एक बात कही थी ‘सुप्रीम कोर्ट अमीरों की पंचायत है…।’ अब देखिएगा… यही ट्रस्ट काम आएगा…

आंख का तारा…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के आंख का तारा बने हुए हैं। कांग्रेस शासित अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को ताकत मिल रही है। राज्य छोटा है और संसाधन युक्त भी, साथ ही भूपेश जैसा नेतृत्व…! परिणाम, दिल्ली से संकेत आते हैं और यहां क्रियान्वयन का ऐलान…। पूरी व्यवस्था बुलेट ट्रेन की तेजी से काम करती दिखती है। कांग्रेस पीएम केयर फंड को लेकर हमलावर है। छत्तीगसढ़ सरकार ने पीएम केयर अकाउंट में कंपनियों के सीएसआर की राशि की फंडिग को लेकर अपनी आपत्ति जताते इसे राज्य के खाते में देने की मांग की है। पर वहां कोई ऐसा वैसा तो बैठा नहीं है जो मुराद पूरी कर ही दे। छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान को लेकर अपडेट देती रही है। उसका इशारा साफ है पीएम केयर में भी ऐसी ही पारदर्शिता हो और राज्य का हिस्सा भी लौटाया जाए…

दीक्षा को लेकर बिफरे बड़े साहब…

छत्तीसगढ़ में आन लाइन शिक्षा की वेब साइट सीजीस्कूल डॉट इन को लेकर राज्य सरकार ने बड़े साब के सम्मान में कमी आने नहीं दी। जितना व्यवस्था में खर्च नहीं हुआ उससे पांच गुना ज्यादा कीमत का तो विज्ञापन बंटवाना पड़ गया। इसी सवाल—जवाब के दौर के बाद शिक्षा विभाग में बड़े साहब की मिटिंग को लेकर बड़ी चर्चा होती रही। इस मिटिंग में बड़े साहब ने पूछा ‘दीक्षा एप’ में कितना खर्च किया गया था। बताया गया 3 करोड़। तो बमक गए और कहा जब यह व्यवस्था थी तो उन्हें पहले क्यों नहीं बताया गया? यह सवाल बड़ा था। जवाब में सारे मौन रहे? बड़े साब को कौन बताता कि जिन्होंने सीजीस्कूल डॉट इन की जिम्मेदारी ली थी उन्होंने ही क्यों छिपाई उन्हीं से पूछो? वैसे भी एम सुधीश शिक्षा विभाग के आम अधिकारी नहीं हैं… काम भी खास… पहचान भी खास… और एनजीओ से उनका नाता… कोई सवाल कैसे खड़ा करेगा भला?

दो कांग्रेसी दोस्तों के बीच में दरार…

बीजापुर में दो कांग्रेसी, विधायक विक्रम मंडावी और अजय सिंह के बीच में दरार की खबर बाहर आ रही है। इन दोनों ने भाजपा को उखाड़ने के लिए एकजुट होकर मेहनत की। अब कमाई के मिशन पर आर—पार करते दिख रहे हैं। बीजापुर छत्तीसगढ़ की दक्षिण पश्चिम छोर का अंतिम जिला है जिसकी सीमा से महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य की सीमाएं छूती हैं। यहां पंचायतों में गड़बड़ी को लेकर संगठन के पूर्व राज्य सचिव अजय सिंह ने प्रशासन के खिलाफ ना केवल तलवार खींची बल्कि उसे सार्वजनिक भी कर दिया…। अफसरों पर विक्रम का आशीर्वाद बना हुआ है। तो ऐसे में साफ है कि विवाद जल्द तो थमेगा नहीं…। इस पूरे विवाद में भाजपा ही केंद्र में है। बता रहे हैं भाजपा के दौर के रथी… कमीशन के इस दौर में बीजापुर में महारथी बने बैठे हैं बस यही विवाद की जड़ है।

और अंत में…
दंतेवाड़ा जिले के क्वारंटीन सेंटर से 23 मजदूर अपने गांव भाग गए… खबर ने शासन को हिला दिया। प्रदेश के मुखिया पूरे देश में माकूल व्यवस्था की मिशाल दे रहे हैं और दंतेवाड़ा जिला जहां मुखिया के भरोसे की व्यवस्था है वहीं पर मजदूर भाग खड़े हुए

One thought on “अब राजनीति का वायरस…

  • आपका यह कॉलम दबी ज़ुबाँ से बहुत कुछ कह जाता है। दंतेवाड़ा और दूसरे quarentine सेंटर से मरीजों का यूँ भाग जाना निश्चित ही व्यवस्था की पोल खोलता है।

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