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EXCLUSIVE : विदेश में फंसे विद्यार्थियों और नागरिकों से हवाई जहाज, कोरोना टेस्ट और क्वेंरटाइन की वसूली करेगी सरकार…

न्यूज डेस्क. नई दिल्ली।

विदेश में कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। अब इन नागरिकों लाने के लिए पहल की जा रही है। इसके लिए संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास ने अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिया है।

माना जा रहा है कि यह प्रयास भारत सरकार के निर्देश पर ही हो रहा है। पर भारत में फंसे नागरिकों, मजदूरों और छात्रों से इसके लिए कई तरह से कीमतों को चुकाना होगा। मसलन हवाई यात्रा का टिकट, कोरोना टेस्टिंग का खर्च और क्वेंरटाइन के लिए लगने वाले व्यय के लिए बकायदा सहमति पत्र भरवाया जा रहा है।

यानी इसके लिए निर्धारित प्रोफार्मा में हस्ताक्षर के साथ सहमति नहीं देने पर संभवत: भारत सरकार ऐसे नागरिकों को वापस भी नहीं लाएगी। विदेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ऐसे कुछ विद्यार्थियों ने एंबेसी द्वारा दिए गए प्रोफार्मा को सीजी इम्पेक्ट के पास भेजा है जिसमें हर तरह की जानकारी मांगी गई है। साथ ही सहमति पत्र दिया जाना है जिसके आधार पर संबंधित छात्रों को स्वदेश लाने का काम किया जाएगा।

विपदा के इस दौर में केंद्र सरकार का यह रवैया निश्चित तौर पर इसलिए चिंताजनक है क्योंकि विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे ऐसे छात्र जिन्होंने अपनी वापसी की एयर टिकट बुक करवा ली थी पर संबंधित देशों में संचालित अंतरराष्ट्रीय उड़ान रोक देने के कारण उनका लौटना कठिन हो गया है ऐसे विद्यार्थियों को अब दुबारा एयर टिकट का व्यय करना पड़ेगा। भारत सरकार यदि ऐसे विद्यार्थियों के पहले से कटाए गए टिकट का समायोजन कर ले तो विदेश में पढ़ रहे विद्यार्थियों क मुसीबत काफी हद तक कम हो सकेगी।

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