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तेन्दुपत्ता तोड़ता था इसलिए समझता हूं उनका दर्द – लखमा

मंत्री कवासी लखमा की पहल के बाद शुरू हुआ तेंदुपत्ता खरीदी। सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाकर की जा रही खरीदी। बस्तर इम्पेक्ट से मंत्री कवासी लखमा ने की चर्चा कहा तेंदुपत्ता खरीदी में अगर गड़बड़ी बर्दास्त नहीं।

कवासी लखमा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन

सतीश चाडंक. सुकमा।

बस्तर में आदिवासियों के जीवन में तेंदुपत्ता अहम होता है इसलिए इन इलाकों में तेंदुपत्ता को हरा सोना कहत हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण तेंदुपत्ता निविदा को लेकर कई दिक्कते आई। उन तमाम परेशानियों को लेकर वनमंत्री व मुख्यमंत्री से चर्चा की उन्होने मेरी बातों को गंभीरता से लिया उसका परिणाम यह है कि आज सुकमा जिले में तेंदुपत्ता खरीदी शुरू हो चुका हैं इसका लाभ आदिवासियों के अलावा व्यापारियों को भी मिलेगा। उक्त बाते केबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए कही।

48 लाट में से मात्र 5 लाट की हुई निविदा

वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के 48 लाट में से मात्र 5 लाट की निविदा हुई है जिसे ठेकेदारों ने खरीदी का अधिकार लिया है। जिसमें मिसीगुड़ा, बोड़केल, एर्राबोर 1 और एर्राबोर 2 शामिल है। बाकी 43 लाट की खरीदी वन विभाग कर रहा है। जिसमें से मुरतोंड़ा, पुसपाल व गुमा समितियों की खरीदी शुरू हो चुकी है। इस साल 90400 मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया है। प्रति मानक बोरा 4000 रू. से खरीदा जा रहा है।

मास्क व सेनेटाईजर कर रहे कर्मचारी उपयोग

इम्पेक्ट से चर्चा में टीआर मरई एसडीओ वन विभाग ने बताया कि तेंदुपत्ता खरीदी भी करवाना अनिर्वाय है और कोरोना वायरस से सावधानी भी बरतनी आवश्यक है। इसलिए वन विभाग के द्वारा तेंदुपत्ता खरीदी केन्द्र पर मास्क लगाकर खरीदा जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीणों को भी बगैर मास्क लगाऐं आने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं इसके अलावा खरीदी कर रहे और ग्रामीणों को सेनेटाईजर भी किया जा रहा है। ताकि कोरोना से बचते हुए तेंदुपत्ता खरीदी की जाए।

मंत्री कवासी लखमा के प्रयास हुए सफल

तेंदुपत्ता खरीदी को लेकर लगातार प्रदेश के मंत्री व कोंटा विधायक कवासी लखमा लगे हुए थे। जिले के अधिकांश लाटों की निविदा निरस्त हो गई थी। इधर तेंदुपत्ता खरीदी को लेकर ग्रामीण परेशान थे। ऐसे समय में मंत्री कवासी लखमा ने लगातार वनमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक चर्चा की उसके उपरांत 5 जगहों पर ठेकेदारों की खरीदी का अधिकार दिया गया और बाकी जगहों पर विभाग के द्वारा खरीदी किया जा रहा है।

आदिवासियों के हित में सोनिया गांधी व भूपेश बघेल के नेत्तृव वाली सरकार काम कर रही

चर्चा में मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि मैंने बहुत साल तेंदुपत्ता तोड़ा है। इसलिए तेंदुपत्ता को लेकर एक आदिवासी के जीवन में क्या परेशानी आती है यह समझता हूं। उन्होंने बताया कि तेंदुपत्ता को लेकर पहले भी कई आंदोलन किए थे और आज भी सरकार के समक्ष अपनी बातें रखी। जिनको प्रदेश के मुख्यमंत्री व वनमंत्री ने गंभीरता से लिया। लखमा ने कहा आदिवासियों के हित में सोनिया गांधी व भूपेश बघेल के नेत्तृव वाली सरकार काम कर रही है। यही कारण है कि कोरोनो जैसी महामारी के बीच सरकार तेंदुपत्ता खरीद रही है। आज 4 हजार प्रति मानक बोरा खरीदा जा रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तेंदुपत्ता खरीदी को लेकर वो गंभीर रहे। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी।

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