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लघुवनोपज संग्रहण के लिए सरकार ने बनाया बड़ा प्लान… 200 करोड़ की योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी…

  • इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

866 हाट बाजारों में संग्रहण और 139 वन-धन विकास केन्द्रों में प्रसंस्करण की सुविधा

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा प्रदेश में चालू वर्ष 2020-21 के दौरान 200 करोड़ रूपए से अधिक की राशि से लगभग आठ लाख क्विंटल विभिन्न लघु वनोपजों के संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है। इनमें 22 लघु वनोपज शामिल हैं, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण किया जा रहा है। उक्त संबंध में मंगलवार को महानदी भवन में आयोजित बैठक में लघु वनोपज आधारित विकास योजना के संबंध में विस्तार से समीक्षा वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश में लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से वनवासी ग्रामीणों को आजीविका से जोड़ने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। इसके माध्यम से लघु वनोपजों के व्यापार से महिला स्व-सहायता समूहों को भी जोड़ा गया है।

इन महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं हाट बाजारों में लघु वनोपजों का क्रय करेंगी और वन-धन विकास केन्द्रों पर लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण के काम में भी जुटेंगी। इसके माध्यम से राज्य में लगभग पांच हजार 500 महिला स्व-सहायता समूहों की 50 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी। राज्य में लघु वनोपजों के सुगम संग्रहण व्यवस्था के लिए 866 बाजार स्तर पर संग्रहण केन्द्र और 139 हाट बाजारों में वन धन विकास केन्द्र स्थापित किए गए हैं।

वन मंत्री श्री अकबर ने लघु वनोपज क्रय तथा प्रसंस्करण को पूरे राज्य में मिशन के रूप में लिए जाने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान पाटन क्षेत्र में केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई और दंतेवाड़ा तथा अम्बिकापुर में क्षेत्रीय प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। इसके अलावा लाख को कृषि उपज में शामिल कराने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के संबंध में निर्देशित किया गया। जिससे लाख उत्पादक किसानों को ब्याज अनुदान के साथ फसल ऋण तथा फसल बीमा की सुविधा का लाभ मिल सके।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मात्र सात वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। वर्तमान में सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या को बढ़ाकर 22 कर दी गई है।

इसके तहत राज्य में अब 22 लघु वनोपजों साल बीज, हर्रा, इमली बीज सहित, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, काल मेघ, बहेड़ा, नागरमोथा, कुल्लू गोंद, पुवाड़, बेल गुदा, शहद तथा फूल झाडू, महुआ फूल (सूखा) जामुन बीज (सूखा), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), करंज बीज, बायबडिंग और आंवला (बीज रहित) की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, सचिव कृषि धनंजय देवांगन, सचिव सहकारिता प्रसन्ना आर., सचिव वन जयसिंह म्हस्के, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला, प्रबंध संचालक, सीएसआईडीसी अरूण प्रसाद पी., संचालक उद्यानिकी डॉ. प्रभाकर सिंह, रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं हिमशिखर गुप्ता सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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