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अब शौचालय घोटाले की गंध… पैसा मिला शौचालय बनाने, प्रशासन ने चलित बायो टॉयलेट खरीदी करने टेंडर लगा डाला… बस्तर के 6 जिलों के लिए जारी हुए 118 करोड़

अभिषेक भदौरिया / सलीम शेख
दंतेवाड़ा / सुकमा

दंतेवाड़ा को छोड़ शेष जिलो में सप्लाई शुरू, दुगुने दाम पर खरीदे जा रहे शौचालय.

बस्तर में एक बार फिर एक बड़े फर्जीवाड़े की तैयारी हो चुकी है. ट्रेलर माउंटेड बायो डाईजेस्टर टायलेट के नाम पर ये फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. बस्तर के अधिकांश जिलों में इन ट्रेलर माउंटेड बायो डाईजेस्टर टायलेट्स खरीदे जाने है, लेकिन इस खरीदी में नियमों को ताक में रखकर दुगुने दाम पर करोड़ो की खरीदी की जा रही है.

इस मामले में अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं. दरअसल बस्तर संभाग के 6 जिलों में शौचालय निर्माण के लिए केन्द्र द्वारा राज्य शासन को करीबन 118 करोड़ की राशि प्रदान की गयी है. वहीं बस्तर समेत प्रदेश के 23 जिलों के लिए कुल जारी राशि 331 करोड़ है. जारी राशि में प्रति हितग्राही प्रोत्साहन राशि 12 हजार को बढ़ा कर 20 हजार किया गया है.

इस राशि से बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सली भय या पहुंचविहीन क्षेत्र होने के कारण जिन घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है उन हितग्राहियों यहाँ शौचालय निर्माण के लिए राशि प्रदान की जा रही है, लेकिन शासन और प्रशासन के अफसरों ने इसमें भी अपनी जेब गर्म करने का तरीका निकाल लिया है.

नियमों को ताक में रखकर शौचालय निर्माण की बजाय अधिकारी बायो चलित शौचालय की खरीदी कर रहे हैं, जबकि केन्द्र द्वारा जारी दिशा निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि इसका उपयोग किसी अन्य कार्य में नहीं किया जाना चाहिए. इतनी बड़ी राशि की खरीदी में जमकर अनियमितताएं बरती जा रही हैं. हैरत की बात है कि बस्तर के सभी जिलों में मप्र के ग्वालियर शहर के सुपर फ्लो इंजीनियरिंग कार्पोरेशन को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

अब तक इस फर्म द्वारा बस्तर के अधिकांश जिलो में न केवल सप्लाई शुरू कर दी है बल्कि भुगतान भी प्राप्त कर चुके हैं. इधर दंतेवाड़ा और सुकमा में अभी इसकी शुरूआत नहीं हो सकी है.

जल्द ही यहां और बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जायेगा. इसके लिये कागजी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. सुकमा में बाजार मूल्य से कहीं अधिक दर पर 600 चलित बायो शौचालय की खरीदी होने जा रही है. सुपरफ्लो इंजिनियरिग कार्पोरेशन को 6 लाख 13 हजार 6 सौ रूपये के हिसाब से चलित बायो शौचालय की आपूर्ति के लिए पहली किश्त में सौ शौचालयों के लिए वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया है.

सुकमा जिले के 49 और दंतेवाड़ा के 30 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है जहां बायो शौचालय लगाये जायेंगे. सबसे ज्यादा जिले के अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोंटा के 29 ग्राम पंचायतों के 129 गावों को चयनित किया गया हैं. शौच मुक्त अभियान की आड़ में केन्द्र सरकार की करोंड़ों की राशि बर्बाद हो जायेगी.

दुगुने दाम पर खरीदे जा रहे बायो टायलेट- जिन टायलेट्स को 6 लाख 6 हजार 6 सौ में खरीदा जा रहा है. नवभारत ने जब इस बायो टायलेट के दर के संबंध में निर्माताओं से बात की तो चौंकाने वाली कीमत का खुलासा हुआ.

निर्माता का कहना है कि वे तीन से साढे तीन लाख रुपये में बस्तर के सभी जिलों में ये टायलेट्स पहुंचा कर दे सकते हैं. जिस दर पर इन्हें खरीदा जा रहा है उससे आधे दाम में ही बायोटायलेट्स खरीदे जा सकते हैं.

कहां कितनी राशि होगी खर्च–

विभाग के मुताबिक बस्तर में 118 करोड़ रूपये इन शौचालयों की खरीदी में खर्च होंगे. जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा में 10 करोड़, सुकमा में 40 करोड़, बीजापुर में लगभग 38 करोड़, नारायणपुर में 10 करोड़, कांकेर में साढे 8 करोड़ और कोंडागांव में 11 करोड़ रूपये खर्च होगें.

बनाना था टायलेट, खरीद डाले बायो टायलेट

जिस राशि से बायोटायलेट खरीदे जा रहे हैं, वो राशि टायलेट निर्माण के लिये प्राप्त हुई थी. प्रति शौचालय 12 हजार के साथ ही 8 हजार रूपये की अतिरिक्त राशि दी जा रही है. मतलब एक टायलेट के लिये 20 हजार रुपये प्राप्त हो रहे हैं. प्रत्येक जिले में हितग्राहियों की संख्या के हिसाब ये राशि आबंटित हुई थी, लेकिन यहां शौचालय बनाने के बजाय प्रति तीस परिवार एक बायोटायलेट खरीदा जा रहा है. दंतेवाड़ा में पांच हजार और सुकमा में 19 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को इसका लाभ दिया जाना है. हैरत की बात ये भी है कि इसके लिये उन्होने उन हितग्राहियों से सहमति तक नहीं ली, जिनके लिये ये टायलेट खरीदे जा रहे हैं.

उपयोगिता पर बड़ा सवाल

इन बायोटायलेट्स की उपयोगिता पर भी बड़ा सवाल लगने लगा है. एक बायोटायलेट को तीस घरों के बीच रखा जाना है जहां वे इसका उपयोग करेंगे. ग्रामीण इलाकों में एक घर से दूसरे घर की दूरी सौ से तीन सौ मीटर तक होती है. ऐसे में इस बायोटायलेट के लिये उचित स्था न तय करना भी मुश्किल कार्य है. साथ ही बायोटायलेट से दूरी पर स्थित निवासी इस टायलेट का इस्ते माल करने आयेंगे इस पर भी सवालिया निशान लगना लाजिमी है.

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