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कोरोना से बर्बाद हुआ बाजार : शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 30000 व निफ्टी 9000 के नीचे, मार्केट एक घंटे के लिए बंद

  • न्यूज डेस्क. मुंबई।

महामारी घोषित होने के बाद कोरोना का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों में हाहाकर के बाद आज भारतीय शेयर बाजार (सेंसेक्स और निफ्टी) में एक और बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है।

सेंसेक्स 1564 अंकों की गिरावट के साथ के 31,214 स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी करीब 755.25 अंक लुढ़क कर के 8,834.90 स्तर पर। बाजार खुलने के चंद मिनटों में ही सेंसेक्स 3090.62 अंक टूट गया।

निफ्टी 966.10 अंक यानी 10.07% टूटकर 8,624.05 के स्तर पर आ गया। इसके बाद इसे एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसा कमजोर होकर 74.44 पर आ गया है।

शेयर बाजार में अगर 10% या उससे ज्यादा की गिरावट दर्ज की जाती है, तो लोअर सर्किट लग जाता है और शेयर ट्रेडिंग रोक दी जाती है। आज सभी सेक्टर लाल निशान पर खुले। प्रीओपनिंग के दौरान सेंसेक्स सुबह 10.10 बजे 1564.01 अंक यानी 4.77% की गिरावट के साथ 31,214.13 के स्तर पर था।

अमेरिकी शेयर मार्केट डाउ जोंस में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड गिरावट के बाद बंद हुआ। डाउ जोंस गुरुवार को 2352 अंकों की गिरवाट के साथ बंद हुआ। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी बाजार में इस गिरावट का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ रहा है। बुधवार रात को जब डाउ जोंस में 1464 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी, तब अगले दिन गुरुवार को सेंसेक्स में 2919 अंकों की एतिहासिक गिरावट के साथ बंद हुआ।

डाउ जोंस में 15 मिनट के लिए ट्रेडिंग बैन

डाउ जोंस में गिरावट को देखते हुए लोअर सर्किट ब्रेकर लागू किया गया, इसके चलते ट्रेडिंग 15 मिनट तक रोकनी पड़ी। शेयर बाजार में अगर 10% या उससे ज्यादा की गिरावट दर्ज की जाती है, तो लोअर सर्किट लग जाता है और शेयर ट्रेडिंग रोक दी जाती है। इसके अलावा नैसडैक 9.43%,  एसएंडपी 9.51%, हैंगसैंग 3.66%, सीएसी 12.28% निक्केई 9.48% टूट गया।

वॉल स्ट्रीट के 1987 के ब्लैक मंडे क्रैश के बाद वॉल स्ट्रीट को अपनी सबसे बड़ी गिरावट का सामना करने के बाद जापान के बेंचमार्क 10% डूबा। एशिया के शेयर बाजार भी औंधे मुंह गिरे हैं। कोरोनोवायरस संकट के कारण दुनिया भर के बाजारों से निवेशक आर्थिक गिरावट की आशंका के चलते निवेश से पीछे हट गए हैं और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी संकट में है।

गिरावट की बड़ी वजह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 को पैनडेमिक (विश्वव्यापी महामारी) माना जा सकता है। वहीं भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी देशों के पर्यटक वीजा निलंबित कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका 30 दिन के लिए यूरोप से सभी यात्राएं रद्द करने जा रहा है। इस दौरान किसी तरह के यातायात को इजाजत नहीं दी जाएगी। ब्रिटेन को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

शेयर बाजारों में भारी गिरावट से वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका गहरा गई है। वहीं ब्रेंट क्रूड वायदा पांच फीसदी टूटकर 34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। क्रूड में आई करीब 30 साल की तेज गिरावट ने भी दुनिया के शेयर बाजारों का मूड बिगाड़ दिया है। विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।

गुरुवार को सेंसेक्स ने लगाया था 2919 अंक का गोता

भारतीय शेयर बाजार अबतक के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2919 अंक गोता लगाने के बाद 32,778.14 के स्तर पर बंद हुआ। यह 52 हफ्ते का सबसे निचला स्तर है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 825 अंकों के भारी नुकसान के साथ 9,633.10 के स्तर पर बंद हुआ।

निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये डूबे

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 को पैनडेमिक (विश्वव्यापी महामारी) माना जा सकता है। इसके बाद दुनिया भर के शेयर बाजार में ही महामारी फैल गई। दलाल स्ट्रीट पर मची इस तबाही में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 127 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो बुधवार को कारोबार बंद होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था

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