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फडणवीस सीएम, अजित बने डिप्टी सीएम

नई दिल्ली/मुंबई।

महाराष्ट्र में शनिवार को बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं, राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को लगा राष्ट्रपति शासन शनिवार सुबह 5: 47 बजे हट गया। इसके बाद 7:30 बजे फडणवीस और पवार ने शपथ ले ली।

शिवसेना और राकांपा ने दोपहर में साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शरद पवार ने कहा कि हमारे किसी विधायक ने भाजपा को समर्थन नहीं दिया है। राजभवन गए राकांपा विधायकों को भी पता नहीं था कि अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन जाएंगे। अजित पवार के भाजपा के साथ जाने पर शरद पवार ने कहा कि यह उनका निजी फैसला है, राकांपा का इससे कोई लेना-देना नहीं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, देश में लोकतंत्र का मजाक बन गया है। ऐसे ही चलता रहा तो आगे देश में कोई चुनाव कराया ही नहीं जाना चाहिए। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया- पार्टी और परिवार दोनों टूटे। कांग्रेस ने पूरे घटनाक्रम को लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना बताया। कांग्रेस ने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। ये बेशर्मी की इंतेहा है।

अजित का फैसला पार्टी लाइन से अलग- पवार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा, कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा के नेता सरकार बनाने के लिए साथ आए। हमारे पास जरूरी नंबर थे। हमारे विधायक सरकार का समर्थन कर रहे थे। कुछ निर्दलियों के समर्थन से हमारा आंकड़ा 170 तक पहुंच गया था। अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन से अलग है। यह अनुशासनहीनता है। राकांपा का कोई भी नेता राकांपा-भाजपा सरकार के समर्थन में नहीं है। राकांपा के जो भी विधायक भाजपा को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि वे दल-बदल कानून के प्रावधान में आ रहे हैं।

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