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रविवार एक सितंबर से छत्तीसगढ़ में भी लागू होगा संशोधित मोटरयान अधिनियम : आप रखें ध्यान नहीं तो भरना पड़ेगा जुर्माना, हो सकती है सजा भी…

  • इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर.

विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किए गए मोटरयान अधिनियम-1988 के संशोधन एक सितम्बर 2019 से लागू किए जा रहे हैं। इस संबंध में विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज ने आज यहां बताया कि देश में बढ़ती दुर्घटनाओं और बढ़ती मृत्युदर को देखते हुए इसमें सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं।

जो आप जानना चाहेंगे — क्या होंगे नए प्रावधान और क्या होगी सजा :

  • इसके तहत गतिसीमा से अधिक गति पर वाहन चलाने पर हल्के वाहन को एक हजार से दो हजार रूपए और मध्यम वाहन को 2000 रूपए से 4000 रूपए पेनाल्टी अधिरोपित करने के साथ-साथ ड्रायविंग लायसेंस जप्त करने का प्रावधान किया गया है।

जप्त किए गए लायसेंस तब तक वापस नहीं किए जाएंगे, जब तक ड्रायविंग रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स पूरा नहीं कर लिया जाता।

  • खतरनाक ढंग से वाहन चलाने के लिए एक हजार रूपए से 5000 रूपए की पेनाल्टी के साथ-साथ छह माह से एक साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

रेड लाईट जंप करने, स्टॉप साइन का उल्लंघन करने, वाहन चलाते हुए संचार उपकरणों का उपयोग करने, खतरनाक ढंग से ओव्हरटेक करने, उल्टी दिशा में वाहन चलाने आदि सम्मिलित है।

  • शराब पीकर वाहन चलाने के प्रकरणों में 10 हजार रूपए पेनाल्टी का प्रावधान किया गया है।
  • बिना रजिस्ट्रेशन व बिना परमिट के वाहन चलाने में सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं।
  • क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर 200 रूपए प्रति सवारी के साथ-साथ अतिरिक्त सवारी को उतारना होगा।
  • सीट बेल्ट नहीं धारण करने पर एक हजार रूपए और बच्चों के लिए सीट बेल्ट के बिना बैठाने पर एक हजार रूपए पेनाल्टी के प्रावधान किए गए हैं।
  • इसके अलावा बिना हेलमेट वाहन चालन पर एक हजार रूपए दण्ड के साथ-साथ तीन माह के लिए लायसेंस रद्द करने का प्रावधान किया गया है।
  • यदि एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया जाता है तो ऐसी दशा में छह माह की जेल की सजा या दस हजार रूपए की सजा का प्रावधान है।
  • अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने या साईलेंट जोन में हार्न बजाने पर एक हजार रूपए की पेनाल्टी का प्रावधान है।
  • बिना इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर 2000 रूपए की पेनाल्टी लागू की गई है।
  • नाबालिकों के वाहन चलाने पर पालक तथा वाहन मालिक के लिए सजा के प्रावधान अत्यंत कड़े किए गए हैं।
  • बच्चों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर यह माना जाएगा कि वह त्रुटि पालक या वाहन मालिक द्वारा की गई है एवं उन्हें दंडित किया जाएगा।
  • इसके अलावा पालक या वाहन मालिक को 25 हजार रूपए फाइन तथा तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ 12 महीने के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने तथा बच्चे को 25 साल की उम्र के होने तक लायसेंस नहीं देने का प्रावधान किया गया है।

नियमों का पालन कराने वाले अधिकारियों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो सजा दोगुनी हो जाएगी।

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