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शिक्षा विभाग में तबादला विवाद : मार्क तो करवा दिया पर विधिवत जानकारी नहीं दी प्रतिनिधियों ने…

ट्राइबल से शिक्षा विभाग में नहीं हो सकता तबादला यही सबसे बड़ी बाधा…

  • इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर.

शिक्षा विभाग में तबादला की सूची जारी होने के बाद शुरू हुआ हंगामा अब थमता नजर आ रहा है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में भी यह मामला उठा। शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह ने सीधे तौर पर इसके लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहरा दिया। हांलाकि बैठक में मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों के पत्रों के आधार पर गुरूवार तक आदेश जारी करने की बात भी कही।

इधर शिक्षा विभाग में तबादला सूची को लेकर मचे बवाल के बाद परते उधड़नी शुरू हो गई हैं। मंत्री द्वारा मार्क किए गए ज्यादातर आवेदनों में तकनीकी खामियां पाई गईं हैं।

मसलन बस्तर से रायपुर के लिए तबादला के लिए जो रिकमेंडेशन किया गया है उसमें व्याख्याता के साथ उसके विषय का उल्लेख ना होना, आदिम जाति कल्याण विकास विभाग से शिक्षा विभाग में तबादला नहीं किया जा सकता इस तकनीकी खामी को भी अनदेखा कर पदस्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

सूत्रों ने बताया कि बस्तर के अलावा धमतरी जिला के नगरी और डौंडी व गरियाबंद जिले में ही ट्राइबल विभाग द्वारा संचालित स्कूल हैं जिनमें से ज्यादातर में पहले से ही सारे पद भरे हुए हैं। ऐसे में जब तक रिक्त पदों की स्थिति नहीं बनती तब तक वहां पदस्थापना किया जाना संभव नहीं है। इस बारे में विभागीय मंत्री को सही जानकारी नहीं दी गई।

जनप्रतिनिधियों ने मंत्री की मार्किंग को ही आदेश मान लिया

सबसे बड़ी खामी यह आई है कि जनप्रतिनिधियों की ओर से विभागीय मंत्री को भेजी गई सूची की मार्किंग होने के बाद ही यह मान लिया गया कि तबादला की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है केवल आदेश जारी किया जाना शेष है। जबकि इसके विपरित मार्किंग के बाद फाइल विभाग में भेजी गई जहां ज्यादातर मामलों में स्क्रूटनी के दौरान खामियां पाईं गईं।

अब निदान की तैयारी

तबादले को लेकर बवाल मचने के बाद सभी को संतुष्ट करने की तैयारी नए सिरे से चल रही है। संभव है गुरूवार को सूची जारी कर यथासंभव जनप्रतिनिधियों की मांगों को पूरा किया जाएगा।

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