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शिक्षा विभाग में तबादले, लिस्ट जारी होते ही हुई जनप्रतिनिधियों की फजीहत… अफसरों पर मनमानी का आरोप… विभागीय मंत्री भी सन्न

  • इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर.

नई तबादला नीति के बाद राज्य शासन ने शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला आदेश जारी कर दिया है। आदेश बाहर आते ही जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि मंत्रियों, विधायक और जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई सूची के नाम इस लिस्ट में गायब रहे जिससे जबरदस्त आक्रोश पसरा हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में जनप्रतिनिधियों द्वारा करीब 2500 नाम तबादला के लिए प्रस्तुत किए गए थे। इसमें कई को निपटाना था और कई को शिफ्ट करना था। विभागीय अफसरों ने क्रीम स्थानों पर सूची आने के पहले ही रिक्त स्थानों की पूर्ति कर चिन्हांकित स्थानों पर पदस्थापना की राह कठिन कर दी थी। इसका परिणाम यह हुआ कि ​मंत्रियों और विधायकों द्वारा भेजी गई सूची के मुताबिक भी तबादला नहीं हो सका है।

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नई नीति के अनुसार केवल 10 प्रतिशत ही तबादला किया जाना था। बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के बहुत से जनप्रतिनिधि शिक्षा विभाग के इस तबादला सूची से खासे नाराज हैं।

बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह आज ही भगवान जगन्नाथ जी के धाम की यात्रा कर लौटे हैं। उनके आते ही शिकवा—शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। शिकायतों को सुनकर विभागीय मंत्री भी सन्न हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि हर साल होने वाले तबादलों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय से अफसरशाही के आरोप लगते थे। उम्मीद की जा रही थी कि इस बार सत्ता परिवर्तन के बाद जनप्रतिनिधियों के मुताबिक सूची तैयार होगी पर ऐसा ना हो सका…

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